एक बेहतरीन आइडिया आपकी जिंदगी बदल सकता है और इसी बात का जीता जागता उदाहरण है आठवीं पास भावा राम. राजस्थान के जालौर के पालड़ी गांव में रहने वाले भावाराम गुजरात के अहमदाबाद में मजदूरी किया करते थे. वह हाड़ तोड़ मेहनत करते थे लेकिन उनकी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती थी.
कई बार उन्हें ख्याल आया कि नौकरी छोड़ दें लेकिन फिर सोचा कि अगर काम छोड़ देंगे तो फिर करेंगे क्या ? अब लगभग पिछले साल की ही बात है जब वह यूट्यूब पर एक दिन वीडियो देख रहे थे तभी उन्हें एक ऐसा आईडिया मिला जो उनकी जिंदगी बदलने वाला था.
दरअसल भावा राम ने इस वीडियो में पपीते की ताइवानी रेड लेडी किस्म के बारे में सुना जिसके बाद उन्होंने इसकी खेती के बारे में देखा. उन्होंने यूट्यूब पर रेड लेडी किस्म के कुछ और वीडियो देखें तो उन्हें पता चला कि यह काफी कम लागत में बेहद मुनाफा देने वाली खेती है. यह किस्में पपीते की टॉप 3 वैरायटी में आती है और इसमें अच्छा खासा पैसा कमाया जा सकता है.
किया इरादा पक्का
जिसके बाद उन्होंने गुजरात में पता किया तो उन्हें जानकारी मिली कि यहां ताइवान किस्म के पपीते मिलते हैं. भावाराम ने यह सुनिश्चित किया कि अब कुछ भी हो जाए वह अब इस पपीते की खेती करेंगे. वह गांव लौटे और उन्होंने ₹25 प्रति पौधे के हिसाब से 2500 पौधे मंगवाए.
जिसके बाद उन्होंने जून-जुलाई 2021 में अपनी 2.35 हेक्टेयर भूमि पर पपीते की ताइवान की रेट लेडी किस्म की खेती की शुरुआत की. उन्होंने ड्रिप सिस्टम और ऑर्गेनिक खाद की सहायता से इन्हें तैयार किया. और महज 6 महीने में इनका प्रोडक्शन शुरू हो गया. अब एक ही साल में भावा राम की किस्मत बदल गई है और अब तक वह तकरीबन एक करोड़ रुपए के पपीते बेच चुके हैं.
मंडी में नहीं मिलते थे भाव तो शुरू के घर से बिक्री
किसान ने इस विषय में बताया कि जब उन्होंने पपीते को मंडी में बेचने के लिए कांटेक्ट किया तो उन्हें अच्छे भाव नहीं मिले. लेकिन उन्हें पता था कि वह अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इसके लिए उन्होंने घर के आस-पास ही इसे बेचना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि वह ट्रैक्टर ट्रॉली में पपीते भर का सड़क किनारे खड़े हो जाते हैं जब लोगों को उनका टेस्ट पसंद आने लगा तो 1 दिन के उनके तकरीबन 5 क्विंटल पपीते भी बिकने लगे. अब तो जालौर में ‘भावा राम के पपीते’ नाम से ही उनका सामान दिखने लगा है.