क्या आप टॉयलेट फ्लश में लगे बड़े और छोटे बटन का लॉजिक जानते हैं ? यह है इसका कारण

Washroom आज हर घर और इमारत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. जहां यह सुविधा आपको अब तकरीबन हर जगह मिल जाती है. लेकिन कई लोग इस महत्वपूर्ण हिस्से की साफ-सफाई और सजावट का भी खूब ध्यान रखते हैं. इसके चलते वह वॉशरूम में भी नए जमाने की कई मॉडर्न फिटिंग की सुविधा करवाते हैं.

ऐसे में आपको यहां कई मॉडर्न फ्लश भी आपको देखने को मिल जाते हैं. आपने भी ऐसे फ्लश यूज किए होंगे जब आपने देखा होगा कि फ्लश में एक बड़ा और एक छोटा बटन होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या कारण है और क्यों एक फ्लश में दो बटन लगाए जाते हैं ?

समझिए कांसेप्ट

आपको बता दें कि मॉडर्न टॉयलेट में दो तरह की लीवर या बटन होते हैं. और दोनों ही बटन एक एग्जिट पोल से जुड़े होते हैं. बड़े बटन को दबाने से तकरीबन 6 लीटर पानी निकलता है. वहीं छोटे बटन को दबाने से 3 से 4.5 लीटर पानी निकलता है. तो आइए जानते हैं कि ऐसे कितने पानी की बचत हो जाती है?

अब अनुमान लगाएं कि ऐसे करके साल में कितनी बचत हो सकती है ? तो अनुमान के अनुसार अगर आप एक सिंगल फ्लश के बजाय डूअल फ्लस अपनाएं तो पूरे साल में तकरीबन 20000 लीटर पानी की बचत हो सकती है. भले ही इसके दाम नॉर्मल फ्लश से कुछ ज्यादा लगे लेकिन इसकी वजह से आप पानी के बिल में कटौती करके इसे वसूल सकते हैं .

आपको बता दें कि डबल फ्लश कॉन्सेप्ट के बारे में कहा जाता है कि यह सबसे पहले अमेरिकी इंडस्ट्रियल डिजायर विक्टर पेपरनिक्की के दिमाग में आया था जिसे उन्होंने साल 1976 में अपनाया था. विक्टर ने अपनी किताब ‘डिजाइन फॉर द रियल वर्ल्ड’ में इसका जिक्र किया था. जिसके बाद से ही यह दुनिया भर में फेमस होने लगा है और आज इसे कई घरों और इमारतों में देखा जा सकता है.

तो अगर आप भी अपने घरों में रोजाना यूज वाले पानी में कटौती करना चाहते हैं तो आप डबल फ्लश वाला वॉशरूम बनवा सकते हैं. जिसके चलते आपको एक बार इन्वेस्ट करने के बाद लंबे समय के लिए फायदा होगा.

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