राजस्थान की मुख्य जीवन रेखा इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट से अब सीकर और झुंझुनु के लोगों को भी पेयजल सप्लाई हो सकेगी. बोर्ड ने सीकर और झुंझुनु के तकरीबन 1135 गांव में पेयजल सप्लाई की योजना बनाई है. इस कार्य के लिए जलदाय विभाग इस प्रोजेक्ट पर ₹8798 खर्च करने को है. जिसमें 616 गांव मेजर प्रोजेक्ट है तथा यह पहली बार पेयजल सप्लाई सिस्टम होगा.
वही 517 गांव में अब तक रेगुलर डिवीजन का काम हो रहा है और यहां नल और पाइप लाइन का सिस्टम है लेकिन अब यहां इंदिरा गांधी नहर का पानी भी पहुंचेगा. आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जारी की गई है.
प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट बनने की मॉनिटरिंग सुरेश शर्मा कर रहे हैं. AxEn सुरेश शर्मा ने एईइन रहते हुए हरमाड़ा, बढ़ाना क्षेत्र को बीसलपुर को बांध से जोड़ने की योजना बनाई थी. जिसे हाल ही में फाइनेंस कमेटी ने स्वीकृति दे दी है आपको बता दें कि 2 साल पहले भी इन्होंने ही हाइवे से अनुमति लेकर इसका काम शुरू किया था.
हालांकि वर्तमान के लिए नहर का पानी सीकर की तहसील और गांव के कस्बों तक ज्यादा पहुंचाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के साथ ही जयपुर जिले की तहसीलों को भी इसका पानी मिलने की आशाएं बढ़ गई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले चरण में जयपुर जिले की चौमूं, किशनगढ़, रेनवाल, शाहपुरा तहसील के गांवों में भी इस नहर का पानी पहुंच सकेगा क्योंकि इन गांवों में पेयजल का संकट है और लोग भूजल पर निर्भर है.
वहीं सतही जल स्रोत इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट से सीकर और झुंझुनूं जिले को तकरीबन 260 क्यूसेक पानी दिया जाएगा. सीकर के 13 कस्बों और 864 गांव और झुंझुनू के 5 कस्बों और 270 गांवों को जल जीवन मिशन में हर घर नल कनेक्शन दिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में टंकियां और पंप हाउस भी बनाए जाएंगे.
इसके अलावा ट्रांसमिशन लाइन और राइजिंग लाइन भी डाली जाएगी. ताकि हर गांव और कॉलोनी तक पानी पहुंचाया जा सके. सीकर जिले की नीम का थाना, पाटन, श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़, रींगस, खंडेला, दातारामगढ़ के साथ आसपास के गांवों को इस नहर का पानी मिल सकेगा.