Indian Railway Update: भारतीय रेलवे ने अब यात्रियों को एक बड़ा झटका दिया है. जहां महंगाई के इस दौर में आम आदमी अपने खर्चे कम करना चाहता है वही रेलवे ने अब उन बच्चों का किराया वसूलना भी शुरू कर दिया है जो अब तक रेल में मुफ्त में यात्रा किया करते थे.
एक उदाहरण के तौर पर समझे तो किस शहर में रहने वाले किशोर अपने परिवार के साथ मध्यप्रदेश के टूर पर निकला. उसे 16 अगस्त को अपने परिवार के साथ राजकोट से भोपाल जाना था. जिसके लिए उन्होंने एक्सप्रेस गाड़ी के फर्स्ट एसी में अपना रिजर्वेशन करवाया. कुल 4 यात्रियों में उन्होंने पहला नाम अपने 1 वर्ष के बेटे का भी भरा.
रेलवे के सिस्टम ने उस बच्चे की कम होने के बावजूद भी आवेदन पर आपत्ति नहीं की और 1 वर्ष की छोटे बच्चे का भी आम यात्रियों की तरह पूरी सीट आवंटित करते हुए पूरा किराया ले लिया. हालांकि यहां सोचने की बात है कि 1 वर्ष का छोटा बच्चा किस प्रकार से एक पूरी सीट का किराया दे सकता है ? लेकिन देश भर में ऐसे कई केस देखे गए हैं जब रेलवे ने ऐसे यात्रियों का भी पूरा किराया वसूला है.
अगर आप भी अपने परिवार के साथ यात्रा करने जा रहे हैं और आपके साथ में 4 साल तक की उम्र के बच्चे भी हैं. तो रिजर्वेशन फॉर्म आप जरा संभाल कर भरे. क्योंकि रेलवे ने अब गुपचुप तरीके से छोटे बच्चों की रिजर्वेशन की बुकिंग भी शुरू कर दी है. कुछ ही समय पहले लखनऊ मेल की थर्ड एसी बोगी में बेबी बर्थ तैयार करने के बाद अब रेलवे ने 4 साल से कम उम्र के बच्चों का भी टिकट बना कर उन्हें सीट देने की व्यवस्था लागू कर दी है.
वर्तमान समय में केवल 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के टिकट रेल आकर्षण के काउंटरों पर और आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बनते थे. और साथ में यह विकल्प भी रहता था कि वह सीट पूरी लेंगे या नहीं! पुरा बर्थ लेने पर ही 5 से 11 साल के उम्र के बच्चों का पूरा किराया लेना पड़ता है.
और बर्थ ना लेने पर उन्हें किराया आधा ही देना होता था. लेकिन अब रेलवे ने 1 वर्ष से 4 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए भी टिकट बुकिंग शुरू कर दी है. पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम ने 1 से 4 साल के उम्र के बच्चों के नाम भरने के बाद सीट आधी या पूरी लेने का तो कोई विकल्प ही नहीं रखा है. जबकि उन्होंने कम उम्र होने के बावजूद कोई आपत्ति भी नहीं जताई है.
ऐसे में आवेदन में फॉर्म भरते समय आपके पास कोई विकल्प नहीं रहता है कि आप अपने बच्चे का टिकट ना बनवाएं. क्योंकि रेलवे अब उन बच्चों का भी किराया वसूल रहा है जो अपने मां की गोदी से भी नहीं उठ पाते हैं.