जयपुर : हमारे देश को एक नई उपलब्धि मिलने जा रही है क्योंकि अब गुजरात के सूरत में स्टील की एक सड़क बनाई गई है. आपको बता दें कि गुजरात के सूरत कि यह सड़क देश में पहली सड़क है जिसका निर्माण स्टील का प्रयोग करके किया गया है. अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वक्त में और भी कई सड़कों का निर्माण इस की तर्ज पर किया जाए.
वर्तमान समय में इस सड़क को हजीरा इंडस्ट्रियल एरिया में बनाया गया है और इसका निर्माण देश भर में स्टील प्लांट से निकलने वाले कचरे से किया गया है. ऐसे में यह प्रदूषण से निपटने के लिए भी एक कारगर समाधान है क्योंकि स्टील के कचरे का प्रयोग करके सड़क बनाया जाना एक बेहतर प्रयोग माना जा सकता है.
#Steelslag road built with 100 % processed steel slag aggregates in all layers of bituminous roads at Hazira, Surat in collaboration of @CSIRCRRI & @AMNSIndia under the R&D study sponsored by @SteelMinIndia. @NITIAayog @TATASTEEL @jswsteel @RinlVsp @NHAI_Official@CSIR_IND pic.twitter.com/dNHxxdnAZA
— CSIR CRRI (@CSIRCRRI) March 22, 2022
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो देश भर में हर साल स्टील के अलग-अलग प्लांट से तकरीबन 19 मिलियन टन कचरा निकलता है. ऐसे में यह नया प्रयोग काफी किफायती प्रतीत होता है. कई रिसर्च के बाद ही इसे गुजरात के स्टील में कचरे से छह लेन कि यह सड़क प्रयोग के तौर पर बनाई गई है.
वही स्टील के कचरे से निर्मित इस सड़क की लंबाई के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि यह सड़क केवल एक प्रयोग है ताकि यह पता किया जा सके कि स्टील के कचरे का प्रयोग कितना कारगर रहता है? वर्तमान में इस सड़क का निर्माण केवल 1 किलोमीटर तक ही किया गया है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो भविष्य में देश में हाईवे और सड़क आदि बनाने के लिए भी इस कचरे का इस्तेमाल किया जा सके.
India’s first ever ‘steel slag road’ was laid by @AMNSIndia in collaboration with @CSIR_IND. We are happy to facilitate a roadmap for the National Highway development. It’s a proud moment to be a part of this prestigious project that uses 100% processed steel slags in all layers pic.twitter.com/oSZLVIsqTT
— ArcelorMittal Nippon Steel India (@AMNSIndia) March 15, 2022
जिससे विकास कार्यो को तेजी मिले साथ ही कचरे से भी निजात मिल सके. यह परियोजना भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ और स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ी हुई है और इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और केंद्रीय सड़क अनुसंधान सहित इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग की सहायता से तैयार किया गया है.
इस विषय में सीएसआईआर का कहना है कि स्टील से बनाई गई इस सड़क की मोटाई को भी 30% घटाया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि स्टील के कचरे की तकनीक से बनी हुई यह सड़क ज्यादा मजबूत होगी और मानसून के सीजन में इसके खराब होने की संभावना भी कम है. इस विषय में अधिकारियों ने बताया है कि कई भारी ट्रकों के चलने की वजह से हजीरा पोर्ट पर तकरीबन 1 किलोमीटर की लंबाई में यह सड़क काफी खराब स्थिति में थी और यहां पर नई सड़क का निर्माण किया जाना था. ऐसे में स्टील से सड़क बनाकर यहां एक नया प्रयोग भी आजमाया गया है.