उदयपुर–अहमदाबाद का सफर अब होगा महज 5 घंटे में पूरा, सरकार ने प्रोजेक्ट पर किए 1700 करोड़ खर्च

राजस्थान और गुजरात से उदयपुर और अहमदाबाद का सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. क्योंकि अब उदयपुर से अहमदाबाद के बीच तकरीबन 290 किलोमीटर लाइन का काम पूरा हो चुका है. वही इस लाइन के अधिकांश हिस्से की टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है और केवल 38 किलोमीटर इलाके की लाइन की टेस्टिंग की अब बाकी है जो कुछ ही समय में पूरी होनी है.

ऐसे में अब कुछ ही समय में उदयपुर से अहमदाबाद के बीच ट्रेन का एक आसान सफर शुरू हो जाएगा. हालांकि इस कार्य में एक लंबा समय लगा है और इसके लिए लोगों को तकरीबन 13 साल तक इंतजार करना पड़ा लेकिन अब जल्द ही इस लाइन पर ट्रेनों को स्वीकृति मिलने जा रही है.

यह रेलवे ट्रैक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उदयपुर और अहमदाबाद दोनों ही शहर दोनों राज्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. और नजदीक होने के बावजूद भी दोनों में कनेक्टिविटी की भारी-भरकम समस्या देखने को मिली है. यही कारण है कि यहां कि यात्रियों को ट्रेन के जरिए यात्रा करने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है.

लेकिन रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की इन परेशानियों की सुध लेते हुए आखिरकार इस कार्य को पूरा करवाने का फैसला कर लिया है. अब ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि कुछ ही समय में उदयपुर अहमदाबाद को जोड़ने वाली विभिन्न ट्रेन इस ट्रेक पर दौड़ती हुई नजर आएंगी. यह पहली बार है जब उदयपुर और अहमदाबाद ब्रॉडगेज से जुड़ रहे हैं. इस रेल के रूट पर पैसेंजर का सफर किसी एडवेंचर से कम नहीं होगा.

क्योंकि यहां राजस्थान में पहाड़ों, नदियों और जंगलों के बीच से रेल गुजरते हुए अहमदाबाद पहुंचेगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि उदयपुर से अहमदाबाद की कनेक्टिविटी में यात्रियों को अब प्रकृति के कई खूबसूरत और अद्भुत नजारों को देखने का मौका मिल सकेगा जो उनकी यात्रा को ज्यादा सुखद और यादगार बनाएगा. आपको बता दें कि यहां पहले मीटर गेज लाइन थी लेकिन पिछले 6 सालों से यह रुट भी बंद है. अब इसे दोबारा ब्रॉडगेज में कन्वर्ट करके ट्रेन चलाई जा रही है. यह पहली बार है जब उदयपुर सीधे तौर से अहमदाबाद में जुड़ने जा रहा है.

मिलेगा टूरिज्म को बढ़ावा

सबसे अहम बात यह है कि उदयपुर में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी भी हो रही है. इनमें से कई पर्यटक गुजरात और अहमदाबाद क्षेत्र से भी आते हैं. लेकिन ट्रेन के कनेक्टिविटी ना होने के कारण इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सरकार का मानना है कि इस रेलवे ट्रैक के निर्माण के बाद टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे रेलवे को भी फायदा पहुंचेगा.

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