बेकार कुकर पर Flipkart को देना पड़ा 1 लाख का जुर्माना; अगर आपके साथ भी हो ऐसा तो जान लें ये जरूरी उपभोक्ता अधिकार

देश की प्रमुख ई कॉमर्स प्लेटफार्म में से एक Flipkart को हाल ही में ₹1,00,000 का जुर्माना देना पड़ा है. इसके पीछे कारण यह रहा कि कंपनी ने अपने प्लेटफार्म पर निर्धारित मानक से कम गुणवत्ता वाले प्रेशर कुकर को बेचने की इजाजत दी. अगर आसान शब्दों में कहें तो फ्लिपकार्ट ने एक खराब क्वालिटी वाले प्रेशर कुकर को अपने प्लेटफार्म पर बेचने की इजाजत दी थी.

जिसके बाद कंपनी पर उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण में उपभोक्ता अधिकारों के तहत उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया गया. ऐसे में अगर आप भी ऐसी किसी प्रकार के वाकिये का शिकार होते हैं तो आपको भी अपने उपभोक्ता अधिकारों को लेकर जागरूक रहना चाहिए. तभी आप इनकी रक्षा कर सकेंगे तथा ठगी से भी बच सकेंगे.

क्या है उपभोक्ता अधिकार?

कोई भी व्यक्ति जो सामान खरीदना है यह सामान लेता है तो वह एक उपभोक्ता है. अब अगर उसके अधिकारियों की बात करें तो हमारे देश में हर उपभोक्ता को हक है कि वह कोई सामान खरीदते या लेते समय यह जानने का अधिकार रखता है कि वह शुद्ध हो और तय गुणवत्ता वाला हो. उसकी मात्रा उतनी ही हो जितना दावा किया जा रहा है.

साथ ही उसका मूल्य भी वाजिब हो और एमआरपी से उसे ज्यादा कीमत भी ना बेचा गया हो. वह एक खराब वस्तु ना हो, साथ ही वह एक्सपायर भी ना हो. उत्पाद के बारे में झूठी या आधी अधूरी सूचना भी ना हो. तथा यदि उपभोक्ता सेवा से संतुष्ट नहीं है तो उसे सुने जाने का भी अधिकार है. अगर उपभोक्ता को ऐसा लगता है कि उसके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो वह उपभोक्ता कोर्ट में इसकी शिकायत भी कर सकता है.

फिल्पकार्ट को पैसे लौटाने का आदेश

अगर बात करें वर्तमान के केस के बारे में तो सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी ने खराब को क्वालिटी वाले प्रेशर कुकरों की बिक्री होने की वजह से फ्लिपकार्ट पर ₹100000 तक का जुर्माना लगाया है. इस प्लेटफार्म पर ऐसे 598 कुकरो की बिक्री हुई थी. जिसके बाद सीसीपीए ने फ्लिपकार्ट को यह आदेश दिया कि वह उन सभी ग्राहकों से कुकर वापस मंगाए और उन्हें पैसे भी वापस करें.

यह काम जल्द से जल्द करने के लिए अथॉरिटी ने फ्लिपकार्ट को 45 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा कराने का आदेश भी दिया है. अथॉरिटी का कहना है कि हर उपभोक्ता ही राजा है और उसके अधिकारों का सम्मान किया जाना बेहद आवश्यक है. यदि उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होता है तो किसी भी व्यक्ति को जुर्माना और मुआवजा अवश्य भरना पड़ेगा.

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