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जयपुर : राजस्थान बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, सरकार ने लिया ये विशेष फैसला

राजस्थान बिजली विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता लंबे समय से अपनी वेतन विसंगति को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसके चलते कई दिनों तक कई महत्वपूर्ण कार्य टाल दिए गए, इसके साथ ही साथ प्रशासन के कार्यों में भी खासी गड़बड़ी दिखाई दी. लेकिन अब कनिष्ठ अभियंता अपने काम पर वापस लौट आए हैं और जिसके चलते बिजली कंपनियों ने अब राहत की सांस ली है. आपको बता दें यह विरोध प्रदर्शन राजधानी जयपुर समेत कई स्थानों पर खासा चल रहा था जिसके बाद इसके बंद होने पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही साथ में उपभोक्ताओं ने भी राहत की सांस ली है. प्रदेश भर में बिजली की समस्या देखी जा सकती है ऐसे में लोगों को अब अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा.

4 दिन तक चला महापड़ाव :– अब बता दें कि प्रदेश भर में कनिष्ठ अभियंता 4 दिन तक महापड़ाव पर रहे. यह महापड़ाव वेतन विसंगति तथा अन्य समस्याओं को लेकर बिजली कंपनियों के लिए था. ऐसे में बिजली तंत्र में अचानक आई गड़बड़ी से अफसरों के भी हाथ-पांव फूलने लगे.

3 माह में सुलह का आश्वासन :– कनिष्ठ अभियंताओं की मांगों को मद्देनजर रखते हुए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने Power engineers association of Rajasthan के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया. विद्युत भवन में यह वार्ता संपन्न हुई. वार्ता नतीजन मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कनिष्ठ अभियंताओं को आश्वासन दिया है कि आगामी 3 माह में वेतन विसंगति की समस्त समस्याएं दूर कर दी जाएगी.

अर्थात कनिष्ठ अभियंताओं की सभी मांगों पर प्रशासन ने सकारात्मक सहमति जताई. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि उनकी मांगों में फाइनेंस के हर बिंदु पर उच्च स्तरीय पैरवी की जाएगी. इसी के साथ ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव अतुल प्रकाश ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को हितों की पैरवी करने वाले ‘रेस्मा’ लागू करने के लिए पत्र लिखा. आपको बता दें इससे पहले साल 2015 में भी रेस्मा लागू करने के लिए पैरवी की गई थी. जिसके बाद ही कनिष्ठ अभियंताओं ने अपने बहिष्कार को वापस लेते हुए कार्य पर लौटने की घोषणा की तथा कार्य बहिष्कार निर्णय वापस लिया.

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