जयपुर: यूं तो पूरा राजस्थान ही राजा और रजवाड़ों के लिए बेहद प्रसिद्ध है राजस्थान में अनेकों इमारते महल और किले हैं जो यहां की कला संस्कृति और सुनहरे इतिहास का वर्णन करती है. लेकिन राजधानी जयपुर की बात ही कुछ अलग है. यहां की आबोहवा में भी राजस्थान राज्य की संस्कृति की खुशबू बसी हुई है और यही कारण है कि जयपुर दुनिया भर में अपनी कला संस्कृति की बदौलत जाना जाता है.
अगर आप भी जयपुर में रहते हैं या फिर जयपुर घूम चुके हैं तो आज हम आपको उसके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जो शायद आप पहले नहीं जानते होंगे.
जयपुर में बसे हैं दुनिया के सबसे महंगे होटल
जयपुर को भारत के शाही शहरों के रूप में जाना जाता है. इसीलिए यह आपको कई शानदार और खूबसूरत भव्य होटल देखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जयपुर के कुछ होटल ऐसे हैं जो दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके हैं और यहां पर रहने के लिए देश व विदेशों से कई लोग लाखों रुपए खर्च करके आते हैं.
जयपुर है भारत का सबसे पहला नियोजित शहर
जब भी भारत के नियोजित शहरों की चर्चा होती है तो हमारे जहन में सबसे पहले चंडीगढ़ का नाम आता है. लेकिन आपको बता दें कि चंडीगढ़ नहीं बल्कि जयपुर भारत का पहला नियोजित शहर है जिसे 1730 में ही पूरा कर लिया गया है. जयपुर एकमात्र ऐसा शहर है जिसे वास्तु शास्त्र और शिल्प शास्त्र के नियमों के अनुसार प्लान किया गया था. आपको बता दें कि यहां जयपुर के सामान्य निर्माण प्लान में 4 वर्ष का समय लगा था.
इसलिए कहा जाता है जयपुर को गुलाबी शहर !
हम सभी जयपुर को गुलाबी शहर के नाम से जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नाम यह कैसे पड़ा? जबकि आज यह इतना गुलाबी दिखाई भी नहीं पड़ता. आपको बता दें कि यहां वेल्स के राजकुमार एडविन की यात्रा का सम्मान और स्वागत करने के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगा गया था. इसे महाराजा रामसिंह 1876 में शुरू किया गया था जिसके बाद से इसे गुलाबी शहर कहा जाने लगा.
जयपुर में विश्व का सबसे बड़ा मुक्त साहित्य महोत्सव
साल 2006 में शुरू हुआ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल दुनिया का सबसे बड़ा फ्री लिटरेरी फेस्टिवल है. जिसमें दुनिया भर के लोग शामिल होते हैं. यहां लेखकों से लेकर फिल्म निर्माता और गीतकारों से लेकर लेखक, उपन्यासकार तक शरीक होते हैं. यह दुनिया भर में इतना पॉपुलर है कि जयपुर इसकी वजह से कई गुना ज्यादा प्रसिद्ध है. बता दें कि इस फेस्टिवल का अंतिम संस्करण 25 से 29 फरवरी 2018 में आयोजित किया गया था.
एक दीवार वाला शहर है जयपुर
शहर के चारों ओर चारों दिशाओं में आठ द्वारा वाली तकरीबन 6 मीटर ऊंची और 3 मीटर चौड़ी एक दीवार ने जयपुर शहर को घेर कर रखा हुआ है. यह कई द्वार है जैसे कि जोरावर सिंह गेट, सूरजपोल गेट, सांगानेरी गेट, न्यू गेट, अजमेरी गेट, चांदपोल गेट, घाट गेट और सम्राट गेट. जयपुर के स्थानीय लोगों का कहना है कि यह द्वार जयपुर को आक्रमणकारियों और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए है. आज भी जयपुर के पुराने शहर में प्रवेश करने अथवा बाहर निकलने के लिए आपको इनमें से किसी एक ना एक द्वार से गुजरना अवश्य पड़ता है.