जयपुर : उत्तर पश्चिम रेलवे जोन को जब से गति शक्ति योजना में शामिल किया गया है तब से बोर्ड ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के काम को आधुनिक तकनीक के सहारे जल्द ही पूरा करने की योजना बनाई है और इसके लिए बोर्ड काम भी कर रहा है. कनेक्टिविटी हेतु आगरा शहर के बाद अब जयपुर दिल्ली रोड पर भी ट्रेन की स्पीड बढ़ाने का काम शुरू हो चुका है.
इस प्रोजेक्ट में बोर्ड ने उन सभी रेलों की स्पीड बढ़ाने का फैसला कर लिया है जो लंबी दूरी पर चलती है और उनमें यात्री भार भी काफी ज्यादा है. इस बीच जयपुर और दिल्ली का रूट भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस रूट पर लाखों यात्री यात्रा करते हैं और यह आर्थिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण रूट है.
दोनों शहरों के बीच वर्तमान में कई ट्रेनें चल रही है और अगर स्पीड की बात करें तो यहां पर सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन डबल डेकर ही फिलहाल रफ्तार पकड़ रही है जो काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं. ट्रेन डबल डेकर सुबह 6:00 बजे जयपुर से रवाना होकर 10:30 बजे दिल्ली में प्रवेश करती है और 11:00 बजे पुरानी दिल्ली पहुंचती है. इस हिसाब से देखें तो रूट कघ सबसे पॉपुलर ट्रेन तकरीबन साढे़ 4 घंटे से 5 घंटे में दिल्ली का सफर तय करती है.
लेकिन अब गति शक्ति योजना के बाद जयपुर दिल्ली रूट पर इन सभी ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए एक सुधार से लेकर ऑटोमेटिक सिग्नल तक का काम करवाया जा रहा है. अगर योजना अनुसार इन सभी कामों को पूरा किया जाता है तो आने वाले कुछ ही समय में जयपुर दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन 3 से 3:30 घंटे में यह सफर पूरा कर लेगी.
160 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन ?
वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि सिग्नलिंग की वजह से ट्रेनों को तय समय में काफी ज्यादा देरी होती है. वहीं दूसरी ट्रेनों को पास देने के लिए अक्सर लंबी दूरी की ट्रेनों को सिग्नल पर काफी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अगर रूट पर सिग्नल ऑटोमेटिक होते हैं तो इनके बीच चलने वाली रेल की स्पीड को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पर ले जाया जा सकता है.
इस काम को करने के लिए अब कार्यवाही शुरू हो चुकी है और पूरा करने हेतु केंद्र से निगरानी के लिए एक अधिकारी को उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में भेजा गया है. जो यहां से पूरी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को पेश करते हैं. इसके साथ ही री डेवलपमेंट योजना के तहत यहां कार्य भी शुरू हो चुका है.