ऐतिहासिक प्रदेश राजस्थान में किलो और स्मारकों के अलावा स्वाद के तो कहने ही क्या! यहां के अनेक शहरों में ऐसे जायके हैं जो केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. वैसे तो प्रदेश के विभिन्न शहरों की कई ऐसी डिश है जो इंटरनेशनल लेवल पर पॉपुलर है. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी मिठास के बारे में जिसका हर कोई मुरीद है.
दरअसल हम बात कर रहे हैं धर्म नगरी तीर्थराज पुष्कर अजमेर के जायके के बारे में, जिसमें सबसे मशहूर मालपुआ बनाया जाता है. यूं तो यहां कई जगहों पर मालपुए बनाए जाते हैं लेकिन पुष्कर के रबड़ी मालपुआ का एक अलग ही नाम है. जिसके चलते पुष्कर आने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खाए बगैर नहीं रह पाता.
वर्षों पहले हुई थी शुरुआत
इस विषय में पुष्कर के श्री राधे मिष्ठान भंडार वाले पॉपुलर मालपुए वाले व्यक्ति बताते हैं कि रबड़ी मालपुआ की शुरूआत उनके दादाजी ने पुष्कर में ही की थी. कुछ दशक पहले तक यह रबड़ी मालपुआ महज तीन चार दुकानों पर ही बनाया जाता था लेकिन अब इसकी पॉपुलरिटी बढ़ने के कारण यहां 15 से अधिक दुकानों पर इसे बनाने का काम शुरू हो चुका है.
वैसे तो कई जगहों पर मालपुए बनाए जाते हैं लेकिन पुष्कर के पानी से जो मालपुए बनते हैं उनका स्वाद ही एक अलग है. और इसका कारण है पुष्कर के पानी की एक अलग मिठास.
प्रतिदिन सैकड़ों किलो बिकता है रबड़ी मालपुआ
पुष्कर के रबड़ी मालपुआ अब इतने पॉपुलर हो चुके है कि यहां तकरीबन 500 किलो से ज्यादा रबड़ी मालपुआ की बिक्री प्रतिदिन होती है. विशेषकर तीज त्यौहार और सावन के महीने में इसकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है और इसे खाने वाले लोगों की लाइन लग जाती है.
कार्तिक मास और पुष्कर मेला बनने के दरमियान यहां 1000 किलो से अधिक माल पर प्रतिदिन बिकते हुए दिखाई पड़ते हैं. जिसके चलते इस साल भर में केवल रबड़ी मालपुआ से ही करोड़ों का टर्नओवर आता है और कई लोग इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.