भूत, प्रेत और आत्माओं के बारे में तो हम कई किस्से बचपन से ही सुनते आ रहे हैं. हमारी दादी नानीयां बचपन में हमें इनकी कहानियां भी खूब सुनाया करती थी. कई लोग इस विषय में अपनी अलग-अलग प्रकार की राय रखते हैं. कोई इनका अस्तित्व मानता है तो कोई इनका अस्तित्व सिरे से खारिज करता है. लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे स्थान है जहां के नकारात्मक वातावरण को लेकर उन पर भूत-प्रेतों का साया बताया जाता है.
यहां तक कि सरकार ने भी इन स्थानों पर रात्रि के समय जाना असुरक्षित माना है और प्रशासन की सहायता से रात में वहां जाने पर रोक भी लगाई है. यह कदम इस बात का प्रमाण बन जाते हैं कि इन स्थानों में कुछ ऐसी ऊर्जा व्याप्त है जो हमारी समझ से परे है. ऐसा ही एक स्थान है राजस्थान का भानगढ़ किला जिसे भूतों का किला भी कहा जाता है.
कुछ रोकथाम की सहायता से यह दिन में जाना तो यात्रियों के लिए मुहैया करवाया जाता है लेकिन रात्रि में यहां जाना सख्त मना है. लेकिन आज हम इसके लिए पर चर्चा ना करके जयपुर और उसके आसपास के ऐसे स्थानों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जो भानगढ़ किले जैसे ही प्रतीत होते हैं हालांकि वह कभी चर्चा का विषय नहीं बने हैं. बताया जाता है कि इन जगहों पर भी रात्रि के समय जाना खतरे की घंटी है. यही वजह है कि यहां हर कोई जाने की हिम्मत भी नहीं कर पाता.
1–नाहरगढ़ किला :– अगर जयपुर की बात की जा रही हो और नाहरगढ़ की चर्चा ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता ! अरावली की खूबसूरत पहाड़ियों में गुलाबी शहर में बसा यह किला दिखने में बेहद सुंदर है, लेकिन इसका इतिहास इतना ही खौ’फनाक है. इस किले के विषय में बताया जाता है कि इसका मूल नाम सुदर्शनगढ़ था. लेकिन बाद में इसका नाम नाहरगढ़ रखा गया क्योंकि यह किला बनाते समय खुदाई के दौरान ‘नाहर सिंह भोमिया’ की आत्मा को बेहद परेशान और अपमानित किया गया.
जिसके बाद नाहर सिंह भोमिया की आत्मा किले को परेशान करने लगी. जिसके समाधान हेतु किले का नाम बदला गया और नाहर सिंह भोमिया का एक मंदिर भी स्थापित किया गया. लेकिन इसके बावजूद बात नहीं बनी. बताया जाता है कि नाहर सिंह भोमिया का प्रभाव आज भी कायम है. यहां कई बार ऐसी घटनाएं होती है जो इस बात का प्रमाण जान पड़ती है. इसके साथ ही कुछ समय पहले यहां किले के रिनोवेशन का काम कर रहे एक स्वस्थ इंजीनियर को गूंगी अवस्था में मृत पाया गया था.
2–जल महल :– दिखने में बेहद खूबसूरत जल महल भी अपनी खूबसूरती के साथ अपने अत’रंगी किस्सों को समेटे हुए हैं. इसका निर्माण 18वीं सदी में महाराजा जयसिंह द्वितीय ने कराया था. यह पांच मंजिला इमारत मान सागर झील के बीच स्थित है. लेकिन इस महल की केवल ऊपरी मंजिल ही दिखाई पड़ती है बाकी अन्य मंजिलें पानी के नीचे दबी है. निसंदेह यह बेहद खूबसूरत जगह है लेकिन कई लोग यहां से चीखें सुनाई पड़ने का दावा करते हैं.
3–जगतपुरा :– जगतपुरा कोई इमारतों या किलो वाला क्षेत्र नहीं है बल्कि यह एक रिहायशी एरिया है. लेकिन भीड़ भरी गलियों के होने के बावजूद कई लोगों का दावा है कि यहां की सड़कों पर चुड़ैलों का वास है. कई लोगों का यह कहना है कि यहां की सड़कों पर उन्होंने चुड़ैलों को देखा है. इसीलिए जगतपुरा के लोग सूर्यास्त के पश्चात अपने घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं.
4–दिल्ली जयपुर हाइवे:– दिल्ली को जयपुर से जोड़ने वाला हाईवे भी इस मामले में कुछ कम नहीं. बताया जाता है कि इस हाईवे पर भी कई लोगों ने एक महिला भूत को देखा है जो साड़ी और पायल पहने हुए हैं. किवदंती के अनुसार इस महिला की 5 दिन की बच्ची की शादी 3 साल के लड़के से करवाई जा रही थी. यह महिला अपने बच्ची को इस शादी से बचाना चाहती थी लेकिन तभी एक पर्यटक वाहन ने महिला और उसकी नवजात बच्ची को टक्कर मार मार डाला था.