जयपुर : हमारे शरीर पर छोटी मोटी चोट आ जाए तो भी हम काफी अधूरा सा महसूस करने लगते हैं. कई लोग ऐसे होते हैं जो किसी दुर्घटना अथवा अन्य किसी स्थान पर अपने शरीर के किसी अंग में चोट पा लेते हैं ऐसे में उन्हें लगता है कि उनका जीवन मानो खत्म हो गया है. लेकिन हमारे चारों तरफ ऐसे कई उदाहरण हैं.
जो हमें जीवन को एक नए ढंग से जीने की प्रेरणा देते हैं साथ ही ये इस बात को भी स्पष्ट करते हैं कि कैसे अधूरे होकर भी वे इतने पूरे हैं जितना और कोई नहीं. तो आइए बात करते हैं आज देश के नंबर वन खिलाड़ी के बारे में जो राजस्थान के जयपुर शहर से आते हैं और देश में नंबर वन डेफ शटलर खिलाड़ी हैं.
जयपुर के रहने वाले अभिनव शर्मा जन्म से ही ना बोल सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं. जिसके चलते अन्य खिलाड़ियों से अभिनव बेहद अलग है. हालांकि अभिनव कभी भी अपनी कमजोरी से निराश नहीं हुए. बल्कि उन्होंने अपनी कमजोरियों को ताकत बनाया और आज वह देश के नंबर वन शटलर के तौर पर उभर कर आए हैं.
अभिनव शर्मा अपने हुनर से सभी को अपना दीवाना बना चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ अपनी अंगुलियों से ताल और हथेली से थापने कि उनकी जुगलबंदी भी कमाल है. अभिनव शर्मा ने तबले की तालीम दृष्टिहीन गुरु राजकुमार सांघी से ली है. जो विश्व गुरु के नाम से प्रसिद्ध है. अभिनव शर्मा ने भातखंडे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय लखनऊ से विशारद् की डिग्री प्राप्त की है. और इस संस्थान से डिग्री लेने वाला हर व्यक्ति अपने आप में एक अलग गर्व महसूस करता है.
कर चुके हैं कई मेडल अपने नाम
अभिनव शर्मा अपने खेल से बेहतर प्रदर्शन के चलते पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके हैं. उन्होंने नेशनल स्तर पर 2017 में नेशनल गेम्स फॉर डेफ में एक गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल अपने नाम किए थे. जिसके बाद 2019 में उन्होंने एक गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल पर दोबारा कब्जा जमाया था.
इसके बाद ही अभिनव शर्मा ने 2019 में वर्ल्ड ऑफ बैडमिंटन में एक कांस्य और 2018 में एशिया पेसिफिक डेफ बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो कांस्य और 2015 एशिया पेसिफिक बैडमिंटन प्रतियोगिता में 1 कांस्य के साथ 2015 नेशनल डेफ बैडमिंटन प्रतियोगिता में 1 सिल्वर और एक कांस्य जीतकर हुनर दिखाया था.
केवल इतना ही नहीं 2016 में उन्हें राजस्थान की बेस्ट खिलाड़ी के तौर पर महाराणा प्रताप अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. अभिनव शर्मा के यह सभी मेडल इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि अगर हमारे हौसले बुलंद हैं तो जीवन की कोई भी चुनौती हमारे सामने छोटी है.