जयपुर के इस किले में छुपा है खजाना, इंदिरा गांधी ने भी बुलाई थी यहां खजाना खोजने के लिए सेना

जयपुर : जब भी राजस्थान का जिक्र होता है तो यहां के हर मुख्य शहर में आपको विभिन्न प्रकार के किल्ले विभिन्न प्रकार के पैलेस और हवेलियों की ऐतिहासिक खूबसूरती दिखाई पड़ती है. जो अपने आप में एक युग के बारे में बखान करती हुई सी प्रतीत होती है. यहां की असल खूबसूरती यहां की संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत से ही है. इसलिए यह बात भी सच है कि यहां की हर जगह अपने आप में एक इतिहास लिए बैठी है और जिसके चलते वह अक्सर चर्चा का विषय भी बन जाती है.

यूं तो आपने राजस्थान के विभिन्न स्थानों के बारे में सुना होगा जैसे कि हवा महल, जैसलमेर किला, अंबर पैलेस, आमेर किला, मेहरानगढ़ किला, उदयपुर किला और भी कई! लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद रोचक है. दरअसल हम बात करने जा रहे हैं जयगढ़ किले के बारे में, जो अपने आप में बेहद प्रसिद्ध है और यहां का अनोखा इतिहास इसे सबसे अलग बनाता है.

सबसे अलग जयगढ़ किला ?

अनुमानित 15 वीं और 18वीं सदी के बीच बना यह किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. जिसे ‘विजय किला’ के रूप में भी जाना जाता है. इस किले की संरचना और निर्माण आकृति मध्यकालीन भारत की झलक प्रस्तुत करती है.

सबसे अहम बात यह है कि यह किला उस जमाने में खजाने की रक्षा करने के उद्देश्य से बनाया गया था. यही नहीं यहां कि रक्षा प्रणाली बिल्कुल आमेर के किले जैसी ही है. जो कि समुद्र तल से कई फीट‌ ऊपर है और विशाल दीवारों से घिरा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि यह किला जयपुर के सबसे मजबूत इमारतों में से एक है.

विशाल दीवारों से दिखाई पड़ता है दूर-दूर का नजारा

जयगढ़ किले की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यहां की बड़ी-बड़ी दीवारों से आप कहीं भी देख सकते हैं. यहां की दीवारों का कोई अंत नहीं है. बल्कि यह बेहद विशाल है और यह 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र को कवर कर सकती है.

इंदिरा गांधी ने करवाई थी किले की तलाशी?

इस सुनहरे किले का इतिहास इतना गहरा है कि यह कुछ रोचक चीजों के लिए काफी प्रसिद्ध हुआ. हालांकि कई लोग इन्हें अफवाह भी मानते हैं. बताया जाता है कि 1977 में आपातकाल के दौरान यह किला राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भी काफी रहा था. उस समय एक ऐसी बात भी फैली थी कि इस किले की टंकियों और परिसर में भारी मात्रा में खजाना छिपा हुआ है.

जिसके बाद बताया जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यहां का तलाशी अभियान शुरू करवाया था. हालांकि यह बात बिल्कुल भी पक्की नहीं कहा जा सकती और कुछ लोग इसे अफवाह बताते हैं. लेकिन यह जरूर माना जाता है कि इस किले को एक जमाने में खजाने प्रतिरक्षा के तौर पर बनाया गया था. इसीलिए ऐसा हो सकता है कि इसमें कुछ खजाना छिपा हुआ हुआ हो! हालांकि यह मिला आज तक किसी को नहीं है.

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