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जयपुर: विदेशों में पहुंची गोबर की मांग, गोबर करेगा जयपुर को मालामाल, जयपुर से कुवैत जाएगा एक बड़ा ऑर्डर

सदियों में भारत देश के लोग फसल के लिए गाय के गोबर का खाद के तौर पर प्रयोग करते हैं और अब यह मानना विदेशों तक भी पहुंच चुका है.अरब क्षेत्र के देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों का भी कहना है कि गाय का गोबर फार्मिंग के लिए बेहद अच्छा है और यह बेहतर फसल के लिए आवश्यक भी है. जिसके बाद कुवैत में भारत को अपने देश के लिए गाय का गोबर सप्लाई करने के लिए एक बड़ा ऑर्डर भी दिया है.

आपको बता दें कि कुछ ही समय पहले कुवैत के लिए जयपुर से 192 मीट्रिक टन गोबर भेजा गया है. यह मात्रा इतनी बड़ी है कि इसकी पैकिंग करने के लिए भी कस्टम अधिकारियों को विशेष निगरानी रखनी पड़ी. आपको बता दें कि इस आर्डर की पैकिंग टोंक रोड स्थित श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में की गई.

इस विषय में पिंजरापोल गौशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया और डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी का कहना है कि भारत में मवेशियों की संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. जिनसे हमें तकरीबन 30 लाख टन गोबर प्राप्त होता है. इस बड़ी मात्रा के तकरीबन 30 फ़ीसदी गोबर को उपले बनाकर जला दिया जाता है.

जबकि विदेशों में गोबर गैस से बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जाता है. गोबर गैस से बिजली बनाने का उत्पादन कार्यक्रम चीन और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में लंबे समय से चलता रहा है जो गोबर का एक बेहतर प्रयोग है साथ ही बिजली का एक बेहतर स्रोत है. भारत में इसकी संख्या अधिक है लेकिन इसके बावजूद भारत से डेयरी उत्पाद, मांस और दूध ही बाहर भेजे जाते हैं.

अब कुवैत देश के कृषि वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि गाय के गोबर के पाउडर को खजूर की फसल में डालने से फसल अच्छी प्राप्त होती है साथ ही फल में भी बढ़ोतरी देखी गई है. इसी वजह से कुवैत की कंपनी लैमोर ने यह बड़ा ऑर्डर दिया है. आपको बता दें कि इस आर्डर को जयपुर के कनकपुरा से मुंबई भेजा गया जहां से यह आगे कुवैत के लिए रवाना होगा.

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