सेब और अनार को भी पीछे छोड़ा राजस्थानी धोरों के टमाटर ने, किसान उगा रहे 500 ग्राम के वजनी लाल टमाटर

राजस्थान, फल सब्जी पैदावार :— राजस्थानी धोरों में खेती करना वाकई एक मुश्किल काम है और इसके लिए हमें सामान्य ज़मीन से इस जमीन पर कई अधिक मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन इसके बावजूद भी पश्चिमी राजस्थान के धोरों में किसान आए दिन नवाचार कर रहे हैं. और अब यहां के किसानों ने कई बड़े स्वादिष्ट टमाटर की पैदावार करने भी शुरू कर दी है.

वहीं कुछ समय पहले तक यहां के धोरों में फल फ्रूट नजर नहीं आया करते थे. लेकिन अब अधिकतर किसानों ने खेती की नवीन तकनीकों को अपनाकर थार को हरा भरा कर दिया है. शायद अब ऐसा कोई भी फल या सब्जी होगी जो थार के धोरों में नहीं मिलता है.

वहीं अगर बात करें स्पेशल टमाटर के बारे में तो बाजार में आपने 50 से 100 ग्राम वजन के लाल टमाटर देखे होंगे. लेकिन पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के निकटवर्ती पादरू गांव में एक किसान ने यहां लगभग 100 से 500 ग्राम वजन के टमाटर उगाए हैं. जो देखने में सेब और अनार को भी मात देते हैं और खाने में भी बड़े स्वादिष्ट है.

यहां पादरू के एक किसान ने अपने खेत में तकरीबन 1 बीघा जमीन में इनकी खेती की है और यह काफी डिमांड में भी चल रहा है. इसकी डिमांड ज्यादा होने का कारण यही है कि यह बड़ा ही लाल और साइज में भी मोटा टमाटर है. वही इस टमाटर का वजन भी ज्यादा है ऐसे में 1 किलो में यहां दो या तीन टमाटर ही मिल पाते हैं।

मरुस्थलीय सीमावर्ती क्षेत्र बाड़मेर में इनकी खेती वाकई एक बड़ा एक्सपेरिमेंट है और सरकार भी इस प्रकार की खेती को प्रोत्साहन देना चाहती है. ताकि किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो सके. साथ ही विभिन्न परियोजनाओं के जरिए यहां की जमीन को भी उत्कृष्ट बनाया जा सके. ऐसे में सरकार चाहती है कि इस जमीन पर ज्यादा से ज्यादा और व्यापारिक फसलों की खेती किए जा सके. ताकि किसानों को भी इसके अच्छे दाम मिले और भारतीय बाजार में भी हमें कुछ बेहतरीन ऑप्शन देखने को मिल सके.

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