Reserve Bank of India :— भारतीय रिजर्व बैंक ने अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक समेत दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों की राह पर चलते हुए अब लगातार चौथी बार अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की बात की है. बता दें कि यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई से निपटने के लिए उठा रहा है. जिसके चलते अब रेपो रेट बढ़ने की संभावना फिर से दिख रही है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने भी से अब तक महंगाई से निपटारा करने हेतु 1.40% की वृद्धि की है और इस दरमियान रेपो रेट 4% से बढ़कर 5.40% पर पहुंच चुका है. जिसके कुछ समय बाद ही अब ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि 30 सितंबर को ही भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.50% की वृद्धि का फैसला लेने वाली है. जिसके बाद से यह रेपो दर बढ़कर 5.90% हो जाएगी. इसका सबसे बड़ा प्रभाव होगा कि इससे लोन लेना अब महंगा होगा साथ ही लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी.
गौरतलब है कि गत मई में ही रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी और जून और अगस्त माह में यह 0.50% बढ़ाई गई. चूंकि रिजर्व बैंक अपनी 2 साल की मौद्रिक नीति बनाते वक्त खुदरा महंगाई पर गौर करता है. और वर्तमान में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई में मई के बाद से नरमी आने लगी थी. जिसके बाद यह अगस्त महीने में 7% के स्तर पर पहुंच गई.
इस विषय में कई रिपोर्ट्स का दावा है कि आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की अब तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई है जिसमें दरों के परिवर्तन संबंधित विशेष निर्णय लिए जाएंगे. इसकी जो भी जानकारी होगी वह आधिकारिक रूप से 30 सितंबर को बता दी जाएगी.
वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा है कि महंगाई 7% के लगभग बनी रहेगी और ऐसे में दरों में वृद्धि होना तो निश्चित है. रेपो दर में 0.25 से 0.35 फ़ीसदी की वृद्धि का आशय यह हुआ कि रिजर्व बैंक भरोसा करता है कि महंगाई का सबसे खराब दौर बीत चुका है. और वहीं विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हाल के वाकिये को देखते हुए दरों में 0.50% की वृद्धि की जा सकती है.
क्या होगा असर ?
इस विषय में रिजर्व बैंक का कार्य सुनिश्चित करना है कि खुदरा महंगाई 4% पर ही बनी रहे. अर्थात् खुदरा महंगाई अधिकतम 2% ऊपर अथवा नीचे रहे. वहीं इस विषय में हाउसिंग डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा है कि बढ़ी हुई महंगाई रिजर्व बैंक के लिए चिंता का प्रमुख कारण है और दरों में वृद्धि के चलते बैंक होम लोन पर ब्याज दरें बढ़ाने जा रहा है. हालांकि रिजर्व बैंक का मानना यह है कि इसका बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि संपत्ति की डिमांड बनी हुई है बल्कि त्योहारों के समय में तो इसकी मांग और अधिक बढ़ जाएगी.