UPSC Success Story :— देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी की फाइनल लिस्ट में अपना नाम देखने का सपना किसका नहीं होता? इसके लिए हर साल लाखों विद्यार्थी जी तोड़ मेहनत करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी यहां सफल होने वाले विद्यार्थियों का अनुपात बेहद कम है. लेकिन जिनका इस प्रतियोगी परीक्षा में सिलेक्शन हो जाता है उनकी तो वाकई चांदी हो जाती है और अपनी मेहनत का उचित फल प्राप्त कर पाते हैं.
इसी कड़ी में आपने यूपीएससी की परीक्षा से संबंधित अब तक सैकड़ों लोगों की सक्सेस स्टोरी सुनी होगी. और आज हम यहां आपके लिए एक अन्य यूपीएससी टॉपर तपस्या परिहार का सफर लेकर आए हैं. जिन्होंने अपने दूसरे प्रयास में देश भर में 23 वी रैंक हासिल की है.
अगर बात करें तपस्या के संघर्ष की तो उनका सफर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर से शुरू होता है. अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे के इंडियन लॉ सोसायटी में लॉ करने के लिए दाखिला लिया. और लॉ करने के बाद उन्होंने यूपीएससी का रुख करने का फैसला लिया. इस हेतु उन्होंने कोचिंग भी ज्वाइन कर लिया. लेकिन यह कहना भी गलत होगा कि कोचिंग में दाखिला ले लेना ही सफलता की गारंटी है.
तपस्या ने यूपीएससी की कोचिंग ज्वाइन की लेकिन वह पहले ही प्रयास के प्रीलिम्स परीक्षा में फेल हो गई. लेकिन इस असफलता के बाद उन्होंने ठाना कि वह खुद पढ़ाई करके ही मेरिट लिस्ट में अपना नाम जरूर दर्ज करेंगी. जिसके बाद उन्होंने अपना खुद का एक टाइम टेबल बनाया और अपने अनुसार नोट्स बना के दूसरे प्रयास में 23 वीं रैंक हासिल की.
क्यों है सफलता खास ?
तपस्या की यह तपस्या इसलिए भी खास है क्योंकि वह एक ऐसे इलाके से आती है जहां साक्षरता दर भी कम है. साथ ही लोगों को बहुत अधिक शिक्षा प्राप्त करने के अवसर नहीं मिले हैं. वह एक पिछड़े इलाके से आती है जहां की कुल आबादी 800 है और साक्षरता दर केवल 63% प्रतिशत है.
उनके पिता विश्वास परिहार पेशे से एक किसान हैं. लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने हेतु खूब सपोर्ट किया है. और उनकी यूपीएससी का सफर हमें बताता है कि किस प्रकार एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद और फेल होने के बावजूद भी उन्होंने कड़ी मेहनत करके सफलता हासिल की है.
आज वह एक आईएएस अधिकारी बन चुकी है. जिस पर उनका पूरा परिवार तो नाज करता ही है. लेकिन उनके गांव वाले भी इस बात से प्रेरित हैं कि अभावों के बावजूद भी अगर बच्चों को सही मार्ग दर्शन और शिक्षा मिले तो वे बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं.