वाहन मालिक अब अपनी कबाड़ गाड़ियों को लंबे समय तक नहीं चला पाएंगे. क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से जारी स्क्रैप पॉलिसी के बाद राजस्थान राज्य के लिए भी परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने कुछ नियम जारी कर दिए हैं. इन नए नियमों के तहत अब वाहन मालिक अपनी कमर्शियल गाड़ी का 15 साल तक प्रयोग कर पाएंगे वहीं निजी वाहन का 20 साल तक उपयोग कर सकेंगे.
इसके बाद यदि वाहन ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर फिट नहीं मिलता है तो वाहन मालिक को कार स्क्रैप देने के लिए बाध्यता होगी. इसके अलावा यह वाहन स्क्रैप में नहीं देने पर इसे अवैध माना जाएगा. जिसके चलते वाहन को आरसी– फिटनेस और परमिट जारी नहीं हो सकेंगे. राज्य में यह नीति लागू होने के बाद प्रदूषणकारी वाहनों को नष्ट करने में सहायता मिल सकेगी. इसीलिए इसे क्रियान्वित करने हेतु स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं.
स्क्रैप के बाद नई गाड़ी खरीदने पर मिलेगा 35% तक फायदा :–
वाहन मालिकों द्वारा अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप पर देने के बाद उन्हें नई गाड़ी खरीदने के लिए भी अच्छी सुविधा प्राप्त होगी. इसके लिए पुराने वाहनों के स्क्रैप पर वाहन मालिकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को दिखाकर नया वाहन खरीदने के लिए मालिकों को कंपनियों की तरफ से 5% की सीधी छूट प्राप्त होगी. इसके अलावा नया वाहन खरीदने के लिए मालिकों को रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देनी होगी.
आपको बता दें कि इसके अलावा स्क्रैप वाहन की वैल्यू नए वाहन की एक्स शोरूम प्राइस के आधार पर होगी. स्क्रैप वाहन की वैल्यू नए वाहन की एक्स शोरूम प्राइस की 4–6 % अधिक हो सकती है. शुरुआत में कमर्शियल वाहनों को ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्ट के जरिए स्क्रैप किया जाएगा. वहीं निजी वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा. बताया जा रहा है कि इस विषय में कार पर रोड टैक्स में 25% तक की छूट मिलेगी. वहीं कमर्शियल वाहन खरीदने वालों को इसके लिए 15% तक की छूट मिल सकेगी.