भारतीय रिजर्व बैंक इन दिनों देश के समस्त बैंकों के कामकाज के तरीकों को बेहद ध्यान से देख रही है. यही कारण है कि पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक दूसरी बैंकों की छोटी सी गलतियों पर भी बड़ा जुर्माना लगा देती है. इसके साथ ही अगर बैंक ज्यादा लापरवाही करता दिखता है तो उस पर प्रतिबंध लगाने में भी रिजर्व बैंक पीछे नहीं है.
यही कारण है कि पिछले कुछ समय से कई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के मानकों पर खरे नहीं उतर पाने की स्थिति में प्रतिबंधित कर दिए जाते हैं. अगर एक बार किसी बैंक पर प्रतिबंध लग जाए तो उसमें जमाकर्ताओं को पैसे निकालने में भी खासी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. कई बार तो इनमें ग्राहकों को पूरा पैसा भी वापस नहीं मिल पाता.
ऐसे में हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चार अन्य बैंकों पर और प्रतिबंध लगा दिया है. तो आइए जानते हैं कि इस लिस्ट में कौन-कौन सी बैंक शामिल है और इसके साथ ही ये भी जानते हैं कि इनके ग्राहक अपना पैसा वापस पाएंगे या नहीं?
लिस्ट में है चारों कोऑपरेटिव बैंक :– आरबीआई (RBI) ने इन दिनों जिन चार बैंकों पर सख्त कार्यवाही की है इनमें चारों ही को ऑपरेटिव बैंक शामिल है. दरअसल रिजर्व बैंक ने इन बैंकों की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए इन्हें प्रतिबंधित किया है. आपको बता दें कि इस लिस्ट में दिल्ली की रामगढ़िया को ऑपरेटिव बैंक पहले स्थान पर है. इसके अलावा इसमें मुंबई की साहेबराव देशमुख को–ऑपरेटिव बैंक, सांगली को–ऑपरेटिव बैंक और कर्नाटक की शारदा महिला को–ऑपरेटिव बैंक शामिल है.
किस प्रकार से है यह बैंक प्रतिबंधित ? आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन बैंकों पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया है जो 8 जुलाई 2022 से शुरु हो चुका है. ऐसा भारतीय बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत किया गया है. इन बैंकों के लिए आरबीआई की नई गाइडलाइन के अनुसार यह इस समय काल में अब किसी भी ग्राहक को ऋण नहीं दे सकते. इसके अलावा यह किसी भी ग्राहक को अब लोन भी नहीं दे सकते साथ ही किसी भी लोन का नवीनीकरण भी नहीं कर सकते.
इन बैंकों से जमा कर्ताओं के पैसे निकालने के लिए भी एक समय सीमा तय कर दी गई है. हालांकि आरबीआई ने अभी यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल के लिए इन बैंकों के लाइसेंस रद्द नहीं किए गए हैं. यदि यह अपनी कार्यशैली सुधारते हैं तो इनके प्रतिबंध जल्द हटाए भी जा सकते हैं.