प्रदेश के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव के रहने वाले किसान पुत्र शंकर सिंह ने असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम विषय इतिहास में पूरे प्रदेश में टॉप किया है. टॉपर शंकर सिंह पोटलिया का कहना है कि उनका परिवार हमेशा ही उन्हें आईएएस और आईपीएस बनाना चाहता था. लेकिन उनकी रुचि हमेशा से ही पढ़ने और पढ़ाने में रही है. शंकर सिंह का कहना है कि मैंने जो पढ़ा है वही मेरा ज्ञान है और उस ज्ञान को शिक्षण के माध्यम से ही अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जा सकता है.
आपको बता दें कि हाल ही में आरपीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम विषय इतिहास का रिजल्ट जारी किया है जिसमें बाड़मेर के रहने वाले शंकर सिंह पोटलिया ने राजस्थान राज्य में पहली रैंक हासिल की है. शंकर सिंह एक सामान्य परिवार से तालुकात रखते हैं उनके पिता एक किसान है जबकि माता ग्रहणी है.
शंकर सिंह के अलावा उनके दो छोटे भाई बहन भी है. इसके अलावा साल 2019 में शंकर सिंह शादी के बंधन में बंध गए. चयनित प्रोफेसर शंकर सिंह का कहना है कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी रूचि के अनुसार ही अपना टारगेट तय करना चाहिए तथा उसी दिशा में कार्य करना चाहिए. विद्यार्थी के जीवन में हर तरह की परेशानी आती है.
जिसमें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता है. शंकर सिंह का कहना है कि ऐसी छोटी-मोटी परेशानियां मुझे भी आई, जब m.a. में मेरा एडमिशन हुआ तो मैं पहली बार बनारस गया था तब मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं गलत जगह पर आ गया हूं. मुझे एक साल तक यही लगता रहा लेकिन बाद में मैंने तय किया कि हम जिंदगी से कब तक शिकायत करेंगे ?
आखिरकार हमें किसी टारगेट की तरफ खुद का फोकस करना पड़ेगा वरना हम सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे. इसके बाद ही मैंने अपना टारगेट तय किया और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. आपको बता दें कि टॉपर शंकर सिंह M. A. के अलावा साल 2018 से पीएचडी कर रहे हैं और जब कभी उनके प्रोफ़ेसर छुट्टी पर हुआ करते थे तब वह पढ़ाने का अपना शौक पूरा करते थे.