पिछले कुछ समय से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से पुराने सिक्के और नोट बेचने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. कई ऐसे लोग जो पुरानी मुद्राओं को इकट्ठा करते हैं वह अपनी मुद्राओं का अच्छा दाम कमाने के लिए मुंह मांगी रकम पर दूसरों को बेच रहे हैं.
विक्रेताओं के अलावा खरीदारों में भी इस बात के लिए खासी दिलचस्पी देखी गई है क्योंकि लोग इन्हें खरीदना भी बेहद पसंद करते हैं. पुरानी मुद्राओं का खरीदना बेचना बिल्कुल जायज है. लेकिन इस विषय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनु एक चेतावनी जारी की है जिसे जानना हर किसी के लिए आवश्यक है.
दरअसल आरबीआई की तरफ से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ऐसे मुद्दों में कुछ असामाजिक तत्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नाम इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं जो कि पूर्ण रूप से गलत है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस बात की घोषणा की है कि उनके नाम का इस्तेमाल पुराने सिक्के और नोट बेचने और खरीदने के लिए किया जा रहा है.
ऐसे लोग दूसरों से वसूली कर रहे हैं और अपनी जेब भर रहे हैं. जबकि रिजर्व बैंक इस प्रकार से किसी भी व्यक्ति को शुल्क लेने का अधिकार नहीं देता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस प्रकार के किसी भी मामले में नहीं करता है और ना ही किसी प्रकार के शुल्क की मांग करता है. इस हेतु आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी ऐसे व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कर रहा है उसे किसी ट्रांजैक्शन अथवा शुल्क के लिए अनुमति नहीं देते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सभी लोगों को इस प्रकार के लोगों के झांसे से दूर रहने की सलाह दी है. साथ ही उन लोगों को चेतावनी दी है जो गलत तरीके से लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि यह गतिविधियां रुकती नहीं है तो इन पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी.