जयपुर: जयपुर में आगरा रोड से दिल्ली बाईपास तक बनाई जाने वाली रिंग रोड का निर्माण कार्य इसी साल के अंत तक शुरू हो सकता है. इस रिंग रोड के निर्माण हेतु एलाइनमेंट का काम पूरा हो चुका है. कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अर्थात डीपीआर और जमीन अवाप्ति का काम भी जुलाई महीने में ही शुरू किए जाने की संभावना जताई जा रही थी.
हालांकि जमीन कितनी आवप्त होगी ? यह डीपीआर फाइनल होने के बाद ही कहा जा सकेगा! इस विषय में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway authority of India) के रीजनल ऑफिसर पवन कुमार ने बताया है कि टीम ने अब तक संभावित प्लान बनाया है कि अक्टूबर के अंत तक रिंग रोड का काम शुरू करवा दिया जाएगा.
वर्तमान समय में डीपीआर बनने का काम चल रहा है और जुलाई महीने के आखिर तक जमीन अवाप्ति का काम भी शुरू करवा दिया जाएगा. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि दो-तीन महीने में जमीन अवाप्ति की कागजी प्रक्रिया शुरू होने के बाद जैसे-जैसे जमीन पर कब्जा मिलेगा वैसे वैसे काम आगे बढ़ेगा.
ऐसा होगा कॉरिडोर ! आगरा रोड पर बगराना से दिल्ली रोड पर अचरोल तक तकरीबन 45 किलोमीटर की दूरी में यह कोरिडोर बनाया जाएगा. इस कॉरिडोर में छह लेन का ट्रांसपोर्ट कोरिडोर होगा जो 90 मीटर की चौड़ाई में बनेगा. 90 मीटर में बनने वाली कोरीडॉर के लिए एनएचएआई खुद जमीन अवाप्ति करेगा. इसके दोनों ओर 145–145 मीटर में प्रस्तावित डेवलपमेंट कॉरिडोर का काम जेडीए करवाएगा तथा इसके लिए जमीन अवाप्ति का काम भी जेडीए ही करेगा.
क्या है फायदा ? जयपुर शहर में उतरी रिंग रोड बनने से सबसे ज्यादा फायदा शहर के ट्रैफिक से संबंधित होगा. वर्तमान समय में आगरा रोड की तरफ से दिल्ली और दिल्ली रोड से आगरा की तरफ आने जाने वाला ट्रैफिक जयपुर शहर में घाट की घुणी, ट्रांसपोर्ट नगर, रामगढ़ मोड़ और कुकस होते हुए गुजरता है. जिसके चलते जयपुर ट्रांसपोर्ट नगर दिल्ली बाईपास पर ट्रैफिक का दबाव काफी ज्यादा है. रिंग रोड़ बनने के बाद ट्रैफिक अरावली की पहाड़ियों से होकर गुजरने लगेगा जिससे यात्रा के दरमियान समय की बचत होगी.