राजस्थान सरकार किसानो को हाईटेक बनाने के लिए 1000 ड्रोन खरीदने जा रही है. इन ड्रोन के जरिए किसान बेहद कम समय में अपने खेतों में सुरक्षित और प्रभावशाली तरीके से कीटनाशकों और पेस्टिसाइड्स का छिड़काव कर सकेंगे. इससे कीड़ों, मक्खियों और टिडीयों से फसलों को बचाया जा सकेगा. इस तकनीक से छिड़काव पर आने वाली कम लागत से किसानों की आय भी बढ़ेगी.
इस विषय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के कृषि बजट की रिव्यू बैठक में विभाग के अवसरों को बेहद कम समय में यह काम करने को कहा है. जानकारी के अनुसार ड्रोन की खरीद पर तकरीबन 40 करोड़ की लागत आएगी. इस विषय में ग्राम सेवा सहकारी समितियों और कृषक उत्पादक संगठनों को ड्रोन मुहैया करवाए जाएंगे. साथ ही किसानों को ड्रोन चलाने और इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा राजस्थान में ड्रिप इरिगेशन सिंचाई का भविष्य:– वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रिप इरीगेशन से फसली प्रोडक्शन में बढ़ोतरी होना एक साइंटिफिक फैक्ट है. रेगिस्तानी प्रदेश राजस्थान के लिए यह सिंचाई के लंबे वक्त का एक उपाय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का इस तरफ इंट्रेस्ट भी बढ़ा है.
सरकार ने इस बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से फायदा पहुंचाने के लिए 1750 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया है. साथ ही 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरीगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन में 1.60 लाख किसानों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु मंजूरी दे दी गई है.
बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी में से अब तक 9738 फार्म पॉन्ड और 1892 डिगियों के निर्माण की स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है. किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 22,807 वर्क आर्डर भी जारी किए जा चुके हैं. सोलर पंपों पर सरकार 61.58 करोड़ की सब्सिडी दे रही है. वहीं सिंचाई में पानी की बचत वाली स्कीमों पर भी लगभग 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है.
इन योजनाओं से किसान में जागरूकता के लिए ट्रेनिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इस बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश में 29 एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए एक और अस्थाई बिल्डिंग की व्यवस्था और जमीन के आवंटन की कार्यवाही जारी है. यह एग्रीकल्चर कॉलेज हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के तले चलाए जाएंगे.