प्रदेश में सक्रिय मानसून यूं तो पूरे राजस्थान पर ही काफी मेहरबान है. लेकिन भीलवाड़ा जिले पर यह कुछ ज्यादा ही मेहरबान प्रतीत हो रहा है इसीलिए बीसलपुर बांध के छलकने की खुशखबरी आ रही है. अच्छी बात यह भी है कि भीलवाड़ा जिले की नदियों में पानी भी बहने लगा है और कोठारी, बनास और त्रिवेणी नदी में पानी बहने से इस बार बीसलपुर बांध पूरा भरने की उम्मीद काफी ज्यादा बढ़ गई है.
पिछले साल की तुलना की जाए तो इस बार भीलवाड़ा जिले में कई गुना अच्छी बरसात हुई है और भीलवाड़ा जिले की बरसात से ही बीसलपुर बांध का भराव होता है. जिसमें जिले की नदियों के जरिए ही इसमें पानी पहुंच पाता है. कोठारी और गोवटा बांध छलकने से त्रिवेणी नदी का गेज भी बढ़ रहा है. मैनाल झरना भी लगातार चल रहा है.
इसके अलावा भीलवाड़ा जिले में हो रही लगातार अच्छी बारिश के चलते किसानों के चेहरे भी खिले हैं. जिले में अब तक 80% से अधिक बुआई हो चुकी है. इसलिए कृषि विभाग को इस बार भीलवाड़ा जिले से अच्छी उत्पादन की आस है. साथ ही बांधों में भी पानी की आवक बनी हुई है इसलिए यह लंबे समय से बनी हुई पानी की कमी को भी दूर कर देगा.
मांडलगढ़ में है औसत से कम बरसात :- वही भीलवाड़ा का चेरापूंजी कहलाने वाले मांडलगढ़ में बारिश का औसत 863 मिमी है. हालांकि इस बार अब तक महज 216 मिमी बारिश ही हुई है. यहां की बारिश से जयपुर, अजमेर, टोंक आदि शहरों के निवासियों को पेयजल के रूप में फायदा मिलता है.
यहां का पानी त्रिवेणी होता हुआ बनास नदी में जाता है और बनास से यह बिसलपुर जाता है. हालांकि अभी आधा साव बचा हुआ है वहीं प्रदेश में बारिश भी लगातार हो रही हैं. ऐसे में उन इलाकों में भी अभी अच्छी वर्षा हो सकती है जो मानसून की मेहरबानी से पीछे रह गए हैं.