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जानिए क्यों है खास जोधपुर का उम्मेद भवन ? जिसकी वजह से बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी यहां आकर करती है शादियां

राजस्थान राज्य अपनी संस्कृति, खानपान और कला साहित्य के चलते देश भर में खूब मशहूर है. यह शाही वातावरण वाले सुंदर महलों, भव्य दुर्गा और किलो सहित कई शानदार हवेलियां भी देखी जा सकती है. इसी में से एक शानदार स्थान है जोधपुर का ‘उम्मेद भवन पैलेस’ जो देश के सबसे महंगे और सुंदर महलों में से एक है.

आपको बता दें कि उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था. इसकी नींव 18 नवंबर 1929 को रखी गई थी जिसका निर्माण कार्य 25 मई 1944 को पूर्ण हुआ था. आपको बता दें कि उम्मेद भवन पैलेस निर्माण के लिए उस वक्त 1,09,11,228 रुपए खर्च हुए थे. लेकिन महाराजा उम्मेद सिंह ने इसका निर्माण क्यों करवाया ?

संत के श्राप से जुड़ी है कहानी:- जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस यूं तो विश्व प्रसिद्ध है लेकिन बताया जाता है कि इसके निर्माण का इतिहास एक संत के श्राप से जुड़ा है. यह संत थे महाराज चिड़िया, जो जोधपुर के चिड़िया टूक पठार पर तपस्या करते थे.

लेकिन जोधपुर के महाराजा जोधा ने इस पठार पर मेहरानगढ़ का किला बनाने का निश्चय कर लिया जिसके बाद महाराज चिड़िया को यह स्थान छोड़ना पड़ा था. बताया जाता है कि इसी वजह से उन्होंने यहां के राठौड़ वंश को श्राप दिया था कि तुम चाहे जितने सुंदर महल बना लो लेकिन तुम्हारे राज्य में पानी की कमी सदा बनी रहेगी और तुम्हें बार-बार अकाल का सामना करना पड़ेगा.

जानबूझकर बनवाया गया धीमी गति से:- उस श्राप का असर कहीं आज भी कहीं ना कहीं जोधपुर में देखने को मिल जाता है. बताया जाता है कि इसी वजह से साल 1920 के दशक के दौरान जोधपुर में लगातार तीन वर्षों तक अकाल पड़ गया था. इसी वजह से यहां के लोग बेहद बेरोजगार हो गए थे और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी.

इसीलिए महाराजा उम्मेद सिंह ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए एक भव्य महल का निर्माण करवाने का फैसला किया. इस कार्य के लिए उमेद सिंह ने प्रसिद्ध वास्तुकार हेनरी वोन लॉन्चस्टर को बुलाया और इसका कार्यभार सौंप दिया. जिसके बाद महल का निर्माण कार्य शुरू हुआ लेकिन यह काफी धीमी गति से बनाया गया ताकि लोगों को रोजगार मिलता रहे. 1943 में अकाल की समाप्ति हुई जिसके बाद 1944 में इसका निर्माण कार्य पूरा करवाया गया.

इस हिसाब से इस महल को बनाने में तकरीबन 15 साल लगे. महल का निर्माण पूरा होने के बाद इसमें तकरीबन बड़े-बड़े 347 कमरे बनाए गए. जिसमें कई विशालकाय आंगन और बड़ी भोजनशाला भी बनाई गई. इसमें एक साथ तीन सौ से अधिक लोग इकट्ठा हो सकते हैं. इस महल के आंतरिक गुबंद का रंग काफी हल्का है जिसका व्यास 31 मीटर तक है.

ताज उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर:- आपकों बता दें कि इस महल के तीन भाग हैं जिनमें पहला शाही परिवार का निवास है, दूसरा ताज पैलेस होटल है और तीसरा संग्रहालय है. इसमें एक सिंहासन कक्ष, निजी मीटिंग हॉल, दरबार हॉल, दावत खाना, निजी डाइनिंग हॉल, लाइब्रेरी, इनडोर स्विमिंग पूल और कई लग्जरी सुविधाएं सम्मिलित है. आपको बता दें कि इस महल के होटल हिस्से को ‘ताज ग्रुप आफ होटल्स’ द्वारा चलाया जाता है. जिस कारण इसे ‘ताज उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर’ भी कहा जाता है.

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