राजस्थान राज्य के विभिन्न शहरों में वाहन चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे मामले बड़ी तादाद में बढ़ रहे हैं और अधिकतर ऐसे मामले हैं जिनके चोर कभी पकड़े नहीं जाते. ऐसे में बताया जा रहा है कि राजस्थान पुलिस अब डोर टू डोर जाकर चोरी के बाहर ढूंढने में जुटेगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस काम के लिए 27000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा. अर्थात पुलिस मुख्यालय ने थाने में तैनात कॉन्स्टेबल वर्ग को घर-घर जाकर आरसी चेक करने की जिम्मेदारी दी है. जिसमें डोर टू डोर जाकर कॉन्स्टेबल किसी भी वाहन का कागजी निरीक्षण कर सकेंगे.
सत्यापन के दौरान यदि कोई भी वाहन चोरी का पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी. अगर वाहन चोरी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो रिकॉर्ड्स के मुताबिक वाहन चोरी की सबसे ज्यादा घटनाएं जयपुर शहर में होती है.
अकेले जयपुर में एक दिन में तकरीबन 4 से 5 वाहन चोरी कर लिए जाते हैं. जबकि साल भर में ये आंकड़ा 23000 को पार कर जाता है. जिनमें से अधिकतर आरोपी पकड़े भी नहीं जाते और जो पकड़े जाते हैं उनमें से 10% से भी कम की रिकवरी हो पाती है. इस कार्य को सुचारु रूप से प्रगति देने के लिए राज कोप ( Raj COP) एप्लीकेशन पर उपलब्ध डाटा वाहनों की संख्या इंजन नंबर चेचिस नंबर डाल कर वाहनों का सत्यापन किया जाएगा.
इस योजना से आशा की जा सकती है कि जयपुर से समेत राज्य भर में वाहन चोरी की घटनाओं में कमी आएगी साथ ही उन वाहनों को भी ढूंढा जाएगा जो उसके मालिक को दोबारा कभी बरामद नहीं हुए. यदि ऐसा होता है तो यह राजस्थान राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.