जयपुर : राजधानी जयपुर की रहने वाली मनाली शर्मा अब एक ऐसी शख्सियत बन चुकी है कि पूरे राजस्थान में अब उनकी ख्याति फैल चुकी है. उन्होंने केवल जयपुर में ही नहीं बल्कि देश भर में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है. आपको बता दें कि मनाली शर्मा हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो में वैज्ञानिक बनी है और उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
इस विषय में मनाली कहती है कि ‘यह मेरे जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं है. मैं जीवन भर कुछ नया सीखना चाहती हूं’. आपको बता दें कि मनाली बचपन से ही एक साइंटिस्ट बनने का सपना देखा करती थी और उन्होंने इस दिशा में जी जान से मेहनत भी की है. आज उसी का नतीजा है कि मनाली ने यह कर दिखाया है और वह अब राजस्थान की तरफ से एक सक्षम महिला वैज्ञानिक के तौर पर उभरी है.
मनाली शर्मा (Manali Sharma Jaipur)
वही मनाली की अगर एजुकेशनल क्वालीफिकेशन के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई जयपुर से ही की है. इसके बाद उन्होंने महारानी कॉलेज से अपनी बीएससी की पढ़ाई पूरी की और राजस्थान यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने एमएससी साइंस मैथमेटिक्स से अपने मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
इसके बाद उन्होंने एमफिल मैथमेटिक्स राजस्थान यूनिवर्सिटी से किया और इसके बाद ही उन्होंने यूजीसी नेट जेआरएफ में ऑल इंडिया 96 रैंक और गेट में ऑल इंडिया 161 रैंक हासिल की. यहीं से मनाली के सफलता का रिकॉर्ड शुरू हुआ और उनका चयन राजस्थान यूनिवर्सिटी में पीएचडी मैथमेटिक्स के लिए हो गया. शोध कार्य करते हुए ही उन्होंने इसरो का एग्जाम दिया और उन्होंने एग्जाम पास कर इंटरव्यू भी पास कर लिया इसके बाद ही उनका चयन इसरो के लिए हो गया.
इस विषय में मनाली ने बताया कि वह वैज्ञानिक विक्रम साराभाई और वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से बेहद प्रभावित हैं. डॉक्टर अब्दुल कलाम के फोर रूल्स ऑफ सक्सेस ने उन्हें बेहद प्रभावित किया है और उनके कार्य भी इसी दिशा में रहे हैं.
आपको बता दें कि मनाली के परिवार में उनके पिता लोकेश शर्मा राजस्थान विधानसभा में असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं वहीं उनकी मां ग्रहणी है. उनका एक छोटा भाई नैतिक शर्मा वर्तमान में एमएससी की पढ़ाई कर रहा है. मनाली शर्मा ने इस अपनी ख़ास सफलता का श्रेय अपने परिजनों और गुरुजनों के साथ अपने दोस्तों को भी दिया है.