केंद्र सरकार अब टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करने और टोल संग्रहण को कुशल बनाने के लिए नई नई तरीके और तकनीक अपना रही है. साल 2019 में जहां टोल एकत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक पर आधारित फास्टैग टोल प्रणाली को शुरू किया था.
वहीं अब एनएचएआई अब इसे दोबारा बदलने के लिए तत्पर है. बोर्ड ऑफिस से एक और नए बदले हुए और बेहतर तरीके से दोबारा शुरू करना चाहती है. इस विषय में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि आने वाला नया टोल सिस्टम टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैनिंग और कैश के भुगतान को पूरी तरह से समाप्त करने वाला है.
इस प्रणाली के आने के बाद वाहनों को टोल भुगतान के लिए रुकने की आवश्यकता ही नहीं होगी और हाईवे पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से उन्हें निजात मिल सकेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि वह आने वाले छह महीनों के भीतर सभी हाईवे और एक्सप्रेस वे से टोल प्लाजा को हटाकर नई प्रणाली लागू करने का विचार बना रहे हैं.
केंद्रिय मंत्री ने कहा है कि नया टोल सिस्टम टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैनिंग और कैश स के भुगतान को पूरी तरह से समाप्त करेगा. क्योंकि अब ऑनलाइन ही सभी टोल वसूलने की प्रक्रिया पूरी होगी. इसके लिए वाहन चालकों को अब रुकने की आवश्यकता भी नहीं होगी. जिसके चलते ट्रैफिक से तो निजात मिलेगी ही साथ ही वाहन चालकों का समय भी बचेगा.
राज्यसभा में एक विधानसभा सत्र के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि परिवहन मंत्रालय उपग्रह आधारित और प्रणाली जैसे नए विकल्पों पर काम कर रहा है. जो एक वाहन चालक के बैंक खाते से उसकी कार में लगे gps से टोल राशि से डेबिट कर देगा. इसके अलावा नितिन गडकरी ने कहा की बोर्ड कंप्यूटर आधरित प्रणाली का पालन करते हुए एक विकल्प तरीका भी ढूंढ रही है.
जो टॉल संग्रह के लिए किसी भी वाहन चालक के वाहन की नंबर प्लेट को पढ़ेगा. उसके जरिए ही टोल वसूला जा सकेगा. गडकरी ने कहा की नंबर प्लेट के जरिए टोल वसूलना वसूली का दूसरा तरीका है. जिसे वह काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं. सरकार दोनों विकल्पों पर काम कर रही है.
और आने वाले कुछ ही महीनों में इनमें से किसी एक तरीके को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. टोल संग्रह के इस तरीके उन्नत तरीके को लागू करने के लिए केंद्र सरकार संसद में एक विधेयक पेश करेगी जिसमें टोल टैक्स का भुगतान करने में विफल रहने वाले लोगों पर दंड का प्रावधान करना भी शामिल होगा.