यह कहावत तो आपने खूब सुनी होगी ! अगर ठान लिया जाए तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता ? पक्के इरादे हो और उसी दिशा में हमारे कदम हो तो सफलता मिलनी तय है भले ही हमारी उम्र कितनी ही क्यों ना हो . मित्रों इसी बात को सच कर दिखाया है कि 23 साल के इस युवक ने जिसका नाम है यशवंत चौधरी.
उत्तराखंड के चंपावत के रहने वाले यशवंत चौधरी बेहद कम उम्र में पक्के इरादे रखते हैं और यही कारण है कि इस छोटी सी उम्र में उन्होंने आसमान छुआ है. आपको बता दें कि इस युवा इंजीनियर को महज 23 वर्ष की अवस्था में जर्मनी की टेस्ला गीगा कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक का पद प्राप्त हुआ है. यशवंत का सालाना पैकेज 23 करोड़ रूपए है.
इस लिहाज से देखा जाए तो हर महीने वह तकरीबन 2 करोड रुपए कमाएंगे. खास बात यह भी है कि यह यशवंत चौधरी की पहली नौकरी है. अर्थात उन्होंने पहली ही बार में एक बड़ी बाजी मार ली है जिसके अमूमन युवक सपने देखते हैं. आपको बता दें कि यशवंत चौधरी एक कारोबारी शेखर चौधरी के बेटे हैं. यशवंत ने पिथौरागढ़ से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. जिसके बाद उन्होंने साल 2020 में गेट की परीक्षा और उसमें 870 रैंक हासिल की.
2 वर्ष पहले यशवंत का चयन बेंगलुरु में एक ट्रेनी प्रबंधक के तौर पर हुआ था जिसके बाद कोरोना काल के दौरान उन्होंने ऑनलाइन अपनी सेवाएं दी. यशवंत का कहना है कि वह हमेशा से ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करना चाहते थे और अपनी एक अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाना चाहते थे. उनकी इच्छा थी कि वह ऐसी कंपनियों में काम करके अनुभव प्राप्त कर सके ताकि वह भविष्य में काम आ सकें. अपने बेटे की इस सफलता पर यशवंत का पूरा परिवार बेहद खुश है और उन पर खूब नाज कर रहा है. साथ ही यशवंत के रिश्तेदारों का भी बधाईयां देने के लिए तांता लगा हुआ है.