अगर आपकी भी पेट्रोल डीजल वाली गाड़ी पुरानी हो गई है और आपको चिंता है कि यह आप को कबाड़ में देनी पड़ेगी. तो अब इसके लिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि अब पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों की इलेक्ट्रिक किट से रिट्रोफिट कराने की पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है.
इस विषय में अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक किट के 10 निर्माताओं को पेट्रोल डीजल के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए पैनल में लगाया गया है. जो अब शहर की सड़कों पर नहीं चल सकते उन वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील किया जाएगा.इलेक्ट्रिक किट इंस्टॉल करने वालों के लिए दिशा निर्देश में कहा गया है कि उन्हें किट निर्माता या आपूर्ति कर्ता द्वारा उनकी ओर से किट फिट कराने के लिए अधिकृत किया जाएगा.
अधिकारियों को कहना है इसके लिए इंस्टॉलर के पास प्रशिक्षित तकनीशियन होने चाहिए. इसके अलावा दिशा निर्देशों में यह भी बताया गया है कि आपूर्तिकर्ता को टेक्नीशियन को यापक दिशा निर्देश और प्रशिक्षण भी देना चाहिए. इलेक्ट्रिक किट के साथ स्थापित वाहनों का रिकॉर्ड इंस्टॉलर्स द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए और जब भी आवश्यक हो तो इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को उपलब्ध भी करवाया जाना चाहिए.
इसके साथ ही इंस्टॉलर को 1 साल में कम से कम एक बाहर वाहन का फिटनेस निरीक्षण करवाने की भी आवश्यकता होती है और ऑडिट किए गए मापदंडों को रिकॉर्ड बनाए रखना भी आवश्यक है. इंस्टॉलर को किट इंस्टॉलेशन के लिए वाहन की फिटनेस का आकलन भी अवश्य करना चाहिए. वाहन मालिक को इसकी व्याख्या करनी चाहिए और उनकी लिखित सहमति भी लेनी चाहिए.
वही आधिकारिक अनुमान के अनुसार राजधानी दिल्ली में तकरीबन 1.5 लाख डीजल वाहन मौजूद है जिन्हें 10 साल पूरे हो गए हैं. 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 28 लाख से भी ज्यादा है. और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के मुताबिक दिल्ली सरकार 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर देगी और ऐसे वाहनों को फिर से पंजीकृत होने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र अर्थात NOC जारी करेगी.