जयपुर: अगर ठान लिया जाए तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता ? यह बात शत प्रतिशत खरी है और हम सब ने ऐसे अनेकों लोग देखे हैं जिन्होंने इस बात को सच कर दिखाया है. ऐसा ही कुछ हुआ इंजीनियर निधि यादव के साथ जिन्होंने अपने जुनून का पीछा इस कदर किया कि उन्होंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी.
11 साल पहले तक कंपनी डेलाइट में काम करने वाली 23 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर निधि अपने जुनून के लिए अड़ियल थी और इसके लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी. वह अपना कुछ बेहतरीन करना चाहती थी इसीलिए उन्होंने पॉलिमोडा फैशन स्कूल फ्लोरेंस इटली में फैशन खरीदने और व्यापार में 1 साल के कोर्स में दाखिला ले लिया. इससे पहले ही निधि की शादी हो चुकी थी और उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जो उस वक्त केवल 7 महीने की थी.
निधि कपड़ों के क्षेत्र में अपना एक ब्रांड बनाना चाहती थी और उन्होंने इसके लिए ही कुर्ता, अनारकली, मैक्सी ड्रेस और लहंगे जैसी एक मामूली सूची के साथ ऑनलाइन ब्रांड AKS बना दिया. इस विषय में निधि का कहना है कि वह ZARA की तरह ही तेज फैशन वाले आधुनिक वियर की ब्रांड शुरू करने की इच्छा रखती थी. मेरे पति उस समय कंपनी जंबोग में ऑपरेशन मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे और मैंने यह महसूस किया कि यहां एथेनिक वियर में ज्यादा गुंजाइश है.
निधि बताती है कि इस सारे काम को तकरीबन डेढ़ साल तक उन्होंने स्वयं ही मैनेज किया और पैकिंग से लगाकर सारे काम उन्होंने स्वयं किए. इसके बाद उन्होंने अपने घरेलू नौकर को इस काम के लिए ट्रेनिंग दी और उन्होंने अपना एक हेल्पर भी बिठा लिया. कुछ समय बाद उन्होंने मशहूर कंपनियां लाइमरोड, जंबोग और मिंत्रा से भी अपने साझेदारी कर ली और यह कंपनियां उसके घर से ही उत्पाद एकत्रित करने लगी.
निधि ने अपने कपड़े जयपुर से मंगवा लिए और जल्द ही उन्होंने तीन इकाइयों की पहचान की जो उसके लिए कस्टम कपड़े बनाने के लिए सहमत हो गई थी. जैसे जैसे उनका व्यवसाय गति करने लगा उनके उत्पाद उनके घर में अधिक जगह घेरने लगे और बेडरूम के साथ ही साथ हॉल और बरामदे में भी कपड़ों के ढेर लगे रहने लगे. 2015 तक उन्होंने अपने स्टोक को व्यवस्थित करने के लिए किराए पर एक बेसमेंट लिया.
निधि ने साल 2014 में एक प्रोपराइटरशिप फर्म के रूप में शुरुआत की लेकिन 3 साल के बाद उन्होंने अपने आप को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल लिया. निधि का ब्रांड हमेशा से ऐसा रहा है जो एथेनिक वियर और फास्ट फैशन पर आधारित है. निधि बताती है कि यह 2014 का वक्त था जब लोग ऑनलाइन चीजों से बेहद सावधान रहते थे और इन पर ज्यादा यकीन नहीं करते थे.
लेकिन इसके बाद उन्होंने हर 15 दिन में अपने नए स्टाइल लांच करने शुरू कर दिए और छोटे बैंचों में इनका उत्पादन किया. जिससे लोग इन्हें खरीदने के लिए काफी उत्सुक होने लगे और कुछ ही समय में उनके डिजाइन आउट ऑफ स्टॉक हो जाते थे. आज भी वह सीमित संख्या में हर महीने लगभग 300 नए डिजाइन लॉन्च करती है. इसके बाद जब उन्होंने धीमें धीमें वृद्धि की और 2015 में उन्होंने अपने पहले कर्मचारी को रखा.
अगले 3 सालों में उन्होंने कई कर्मचारी जोड़ दिए. 2018 में निधी के पति भी इस कंपनी में शामिल हो गए और उन्होंने 110 लोगों की एक टीम बना दी. टीम में पांच दर्जी और डिजाइनरों की एक टीम भी शामिल है. जो निधी से इनपुट लेते हैं और डिजाइन तैयार करते हैं.
उसके बाद ही दरजी नई डिजाइन के ऊपर काम करते हैं और सैंपल पीस बनाते हैं. जिन्हें आगे फैक्ट्रियों में भेज दिया जाता है. आज उन्होंने अपने व्यापार को इस कदर बढ़ा लिया है कि वर्तमान में उनकी कंपनी की कीमत तकरीबन 137 करोड रुपए के आसपास पहुंच गई है.