जयपुर: राजस्थान में भी लद्दाख जैसे एक जगह बताई जाती है जहां बंद करें बिना ड्राइवर के अपने आप ही पहाड़ी चढ़ने लगती है. यह लाइन पढ़ने के साथ ही साथ आपको एक अजीबोगरीब से सूचना प्राप्त होती है. और आपके मन में ऐसे सवाल आए होंगे कि क्या ऐसा संभव है ? और आखिर है तो कैसे हैं ?
तो आइए जानते हैं इस पहाड़ी का पूरा सच भास्कर रिपोर्ट से.
आपको बता दें कि इस पहाड़ी का सच सामने लाने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर माइंस के रिसर्च डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट केपीएस यादव के साथ झुंझुनू के खेतड़ी पहुंचे. खेतड़ी में दुनिया की यह सबसे बड़ी अंडरग्राउंड कॉपर माइंस है लेकिन पिछले कुछ दिनों से खेतड़ी की यह पहाड़ी रहस्यमई तरीके से चर्चा का विषय बनाई है.
इसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यहां बंद पड़ी कारें अपने आप ही पहाड़ी चढ़ने लगती है. कुछ लोग तो इसे ‘मैजिक हिल’ भी कहने लगे हैं. तो वहीं कुछ लोग इसे ‘मैग्नेटिक हिल’ कहते हैं. कुछ इसे चमत्कार भी बताते हैं. लेकिन भास्कर रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यहां ना कोई जादू है, ना कोई चुंबक क्षेत्र है और ना ही कोई शक्ति यहां काम कर रही है.
भास्कर टीम जब पहाड़ी पर पहुंची तो वहां पहले से ही बहुत लोग थे जो एक्सपेरिमेंट करने के लिए अपनी गाड़ियां लेकर आए थे. वहां खड़ी एडवोकेट अंजलि पंवार ने बताया कि उन्होंने कार बंद करके निश्चित जगह पार्क की लेकिन कार अपने आप ही चलने लगी. वहीं रवि ने कहा कि उसे सड़क पर पानी गिराया तो पानी भी ऊंचाई की तरफ बहने लगा. लोगों से बातचीत करने के बाद भास्कर टीम ने भी कार से एक्सपेरिमेंट किया और दूसरे लोगों की तरह टीम की कार भी अपने आप ही चलने लगी.
जान लीजिए क्या है सच?
इस पर जब केपीएस यादव ने मैग्नेटिक फील्ड का पता लगाने की कोशिश की तो वहां पाया कि इसमें कोई भी मैग्नेटिक और ग्रेविटी का असर नहीं है. लेकिन तभी पहाड़ी का अच्छे से निरीक्षण करने के बाद टीम को पता चला कि लोग जिसे चढ़ाई समझते हैं असल में वह एक ढलान है और इस ढलान के कारण ही वह बंद पड़ी कार चलने लगती है.
इस विषय में केपीएस यादव ने कहा कि सड़क का विस्तार और नजदीकी पहाड़ियों का लेआउट एक प्रकार का ऑप्टिकल भ्रम पैदा करता है. असल में यहां डेढ़ मीटर की ढलान है लेकिन रोड की बनावट कुछ ऐसी है कि वह चढ़ाई जैसी दिखती है. ढलान के कारण ही बंद पड़ी कार लूढ़कने लगती है और हमें ऐसा लगता है कि वह ऊपर की तरफ जा रही है जबकि असलियत में वह एक ढलान में चलती है.