पहली तस्वीर की दास्तान :– राजस्थान यूनिवर्सिटी के साल 2022 के छात्र संघ चुनाव में जहां एक उम्मीदवार निर्मल चौधरी 22 अगस्त को अपने नामांकन के लिए समर्थकों के साथ शक्ति यूनिवर्सिटी पहुंचता है. वहीं गेट पर भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस लाठी चार्ज कर देती है और इस लाठीचार्ज में उम्मीदवार के साथ उसकी छोटी बहन और कई समर्थक घायल हो जाते हैं.
जिसके बाद उम्मीदवार को काफी ज्यादा डंडे पड़ते हैं और पुलिस उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाती है. घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगते हैं और निर्मल चौधरी अपनी दास्तान अपने समर्थकों से सोशल मीडिया के जरिए कहता है.
दूसरी दास्तान:- घटना के तकरीबन 5 दिन बाद 27 अगस्त को शाम के वक्त वही उम्मीदवार निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ पूरे जोश में विश्वविद्यालय से बाहर निकलता हैं. अब उम्मीदवार में अब उम्मीदवार, उम्मीदवार नहीं बल्कि एक विजेता बन जाता है. जिसमें जोश जीत का है और जोश है राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बनने का.
यह दो तस्वीरें बताती है कि किस तरह महज 5 दिन में निर्मल चौधरी की जिंदगी में काफी कुछ बदल गया! जहां राजस्थान यूनिवर्सिटी को लंबे समय बाद एक नया अध्यक्ष मिला. वहीं निर्मल चौधरी ने भी कई गुटों से बागी होकर चुनाव लड़ा और मंत्री की बेटी के साथ विभिन्न दलों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी कराई टक्कर देते हुए हरा दिया.
निर्मल चौधरी के जीत की कहानी अगर तस्वीरों के माध्यम से देखें तो यह किसी फिल्म से कम नहीं लगती है. जहां उन्हें नामांकन के दिन गिरफ्तार किया जाता है तो वही रात के 2:00 बजे उन्हें जमानत भी मिल जाती है. और बागी होकर भी वह एक पक्षीय चुनाव जीत जाते हैं.
पुलिस ने निर्मल को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद उन्हें मानसरोवर थाने में ले जाया गया. निर्मल के कैंपेन को संभाल रहे जीतेंद्र भाकर ने इस विषय में बताया कि पुलिस ने उनके कार्यालय भी बंद करा दिए और गिरफ्तारी के बाद निर्मल को ऑनलाइन कैंपेन में फायदा मिला. साथ ही कई समर्थकों ने और गहरा साथ देना भी शुरू कर दिया.
देर रात तक निर्मल के समर्थकों को भी पता नहीं लग सका कि वह कहां है? जबकि बाद में निर्मल को जमानत दिलाने के लिए रात के 2:00 बजे कोर्ट से आर्डर लाए गए. ऐसा पहली बार हुआ जब छात्र संघ चुनाव में गिरफ्तार किसी नेता को रात के 2:00 बजे जमानत मिली. लेकिन इसके बावजूद भी उम्मीदवार ने राजस्थान विश्वविद्यालय में जीत दर्ज करते हुए एक इतिहास रचा है और उनकी चर्चा भी चारों तरफ हो रही है.
जीत के बाद यूनिवर्सिटी का मंजर भी कुछ बदला-बदला सा दिखाई दिया. जहां कुछ दिनों पहले निर्मल चौधरी का स्वागत लाठियों से किया गया था वहीं जीत के बाद उन पर फूल और रंग बरसने लगे. लोग शुभकामनाएं देने लगे और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने वालों का तांता लग गया. उनकी विजय रैली में भी सैंकड़ों लोग उमड़ पड़े और विश्वविद्यालय के पास निर्मल चौधरी की जीत के उपलक्ष्य में आतिशबाजी भी देखी गई.
- स्त्रोत–भास्कर रिपोर्ट