राजस्थान में जयपुर डेयरी ने एक बार फिर दूध के दाम में बढ़ोतरी कर दी है और कुछ ही समय में इन दरों को लागू भी कर दिया गया है. इस तरह से डेयरी ने 9 महीने में अब तीसरी बार दूध के दाम बढ़ाए हैं. दरअसल दूध की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए जयपुर डेयरी ने एक बार फिर दूध के दामों में बढ़ोतरी की है जिससे दुग्ध उत्पादकों को फायदा मिल सके.
कुछ समय पहले जयपुर डेयरी ने दूध के दाम में ₹2 की बढ़ोतरी करने के संकेत भी दे दिए थे है और इससे पहले महज 75 दिन पहले ही जून महीने में दूध को ₹2 लीटर तक महंगा किया गया था. अब निजी डेयरियों से जयपुर डेयरी के दूध के दाम काफी ज्यादा मिलते जुलते हैं हालांकि अमूल डेयरी से जयपुर डेयरी का दूध ₹1 लीटर अभी भी महंगा है.
वहीं अगर नए दामों पर चर्चा करें तो अब नई दर के अनुसार सरस ताजा दूध टोंड 1 लीटर ₹48 लीटर और आधा लीटर ₹24 में मिलेगा. सरस स्मार्ट दूध प्रति लीटर ₹40 और आधा लिटर ₹20 में मिलेगा. वहीं 6 लीटर दूध की कीमत अब ₹288 होगी और सरस गोल्ड दूध ₹60 लीटर मिलेगा जिसकी आधा लीटर की थैली आपको ₹30 में मिलेगी.
6 लीटर दूध अब ₹360 में मिलेगा. सरस स्टैंडर्ड दूध ₹54 प्रति लीटर और 27 रुपए में आधा लीटर मिलेगा. वहीं गाय का दूध ₹50 प्रति लीटर ₹25 में आधा लीटर उपलब्ध होगा. इसके साथ ही सरस लाइट दूध 400mm अब आपको ₹13 में उपलब्ध हो सकेगा. इस लिहाज से देखें तो डेयरी ने इस बार तीसरी बार दूध के दामों में बढ़ोतरी की है.
हाल ही में जून महीने में ही दूध के दामों में बढ़ोतरी की गई थी और जून से पहले 10 मार्च को दो रुपए प्रति लीटर दूध महंगा हुआ था. इस विषय पर माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 मार्च को राज्य सरकार के बजट 2022–23 के वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा करके दूध की बढ़ी दरें वापस ली थी.
लेकिन इसके बाद ही डेयरी ने दूध से बने उत्पाद जैसे कि पनीर, छाछ इत्यादि के दाम बढ़ा दिए थे जिससे बात वही की वही पहुंच गई. ऐसे में इस बात की संभावना भी बनती है कि आने वाले कुछ महीनों में फिर से दूध के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि इस बारे में अभी स्पष्ट कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. लेकिन जिस प्रकार से पिछले कुछ समय में इनके दामों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है तो ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि इन में और बढ़ोतरी भी हो सकती है.
हालांकि मार्केट में कंपटीशन के चलते कंपनी शायद इसमें कुछ दूसरे निर्णय भी बना सकती है. जिससे वह ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित कर सके. हालांकि इस निर्णय के पीछे यह लक्ष्य माना जा सकता है कि ऐसा करने से कई दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ेगी और उन्हें अपने उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सकेगा.