जयपुर में बनने जा रहा है पहला स्टील केबल ओवर ब्रिज, सबसे बिजी ये रोड अब होगा सिग्नल फ्री

जयपुर : प्रदेश राजधानी जयपुर में शहर का पहला प्रस्तावित स्टील केबल स्टैंड ब्रिज का काम इसी साल शुरू होने की संभावना है. इसके लिए जेडीए ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसे कुछ ही समय में खोल लिया जाएगा. टेक्निकल बिड ऑफ फाइनेंसियल बिड खुलने के बाद यह संभावना है कि कुछ ही समय बाद प्रोजेक्ट का काम ग्राउंड पर शुरू किया जा सकता है.

इस विषय में जेडीए अधिकारियों ने कहा है कि प्रोजेक्ट के लिए प्री बिड मीटिंग हो चुकी है और सभी शर्तें और नियम भी तय कर दिए गए हैं. गौरतलब है कि जेएलएन मार्ग पर ओटीएस चौराहे पर बनने जा रहे इस ब्रिज को पूरा करने के लिए जेडीए ने 12 महीने का समय निर्धारित किया है.

सिग्नल फ्री जंक्शन प्रोजेक्ट के तहत ही जेडीए का यह चौथा प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है. वर्तमान में b2 बाईपास चौराहे, जवाहर सर्किल और लक्ष्मी मंदिर तिराहा के पास सिग्नल फ्री जंक्शन बनाने के लिए काम शुरू किया जा चुका है.

इस विषय में जेडीए अधिकारियों का कहना है कि ओटीएस चौराहे के पास हर रोज 55 हजार से अधिक गाड़ियां निकलती है. जिससे इस चौराहे पर ट्रैफिक की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है. वहीं कुछ समय में तो यहां दो बार रेड लाइट होने पर गाड़ियों के निकलने का नंबर आता है.

इसके साथ ही यह रोड़ वीवीआईपी मूवमेंट के जरिए भी काफी है. इस बात को देखते हुए ही इस प्रोजेक्ट को बनाना अब काफी आवश्यक से प्रतीत होता है. अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में बनने में 150 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है.

इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि स्टील केबल स्टैड ब्रिज में पुलिया के नीचे पिलर नहीं होंगे. इनमें लगने वाले बड़े-बड़े स्टैंड को दो पिलर बनाए गए क्या बस स्टैंड के जरिए हो किया जाएगा! जिससे ब्रिज पर जॉइंट भी सामान्य और एलिवेटेड रोड के मुकाबले काफी कम होगा और इसके नीचे खुली जगह ज्यादा होगी.

सामान्य ब्रिज से ज्यादा बेहतरीन है?

विशेषज्ञों का कहना है कि केबल ब्रिज का यूटिलिटी टाइम भी सामान्य ब्रिज से ज्यादा होता है. एक सामान्य ब्रिज 50–60 साल बाद खराब हो जाता है और उसे तोड़ना पड़ता है. लेकिन ऐसा ब्रिज तकरीबन 70–80 साल तक काम करता है.

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