Unique fair of India : यूं तो राजस्थान के कई मेले काफी ज्यादा प्रसिद्ध है लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं जोधपुर जिले के एक ऐसे अनूठे मेले के बारे में जो इसलिए ज्यादा पॉपुलर है क्योंकि यहां महिलाएं सोने की भारी-भरकम गहने पहन कर आती है. हालांकि इस मेले का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां महिलाएं ज्यादा सोना अब पहनती है लेकिन आजकल यह चर्चा का विषय बन गया है.
शहरों में महिलाएं चेन और छोटी-मोटी सोने की रकम पहनने से भी घबराती है वहां इस मेले में लगभग हर महिला इतना सोना पहनती है कि मानो वह पूरी सोने से लदी हुई है. हजारों की भीड़ में बेखौफ महिलाएं तकरीबन किलो वजन से अधिक वजन के गहने पहनकर पहुंचती है. और उन गहनों को उनकी पुश्तैनी पहचान के रूप में जाना जाता है. बता दें कि यह अनूठा मेला भरता है जोधपुर के खेजड़ली गांव में. यह मेला विश्नोई समाज की शहादत दिवस के रूप में जाना जाता है.
वैसे तो इस मेले का महत्व बिश्नोई समाज के पर्यावरण प्रेमी होने के रूप में है. लेकिन इस पारंपरिक मेले में आपको राजस्थानी परिधान में सजी-धजी बिश्नोई समाज की महिलाएं भारी-भरकम स्वर्ण आभूषण पहने हुए नजर आती है. जहां इन महिलाओं को परिवार की संपत्ति और समृद्ध की निशानी के तौर पर देखा जाता है.
मेले का महत्व !
यह मेला राजस्थान के विश्नोई समाज का पेड़ों को बचाने की खातिर अपना बलिदान देने वालों की शहादत के रूप में भरता है. जहां 363 लोगों ने पेड़ बचाने के लिए अपनी जान दे दी. बता दें कि इस मेले में हवन कुंड में आहुतियां देकर इन शहीदों को नमन किया जाता है और इस मेले में राजस्थान समेत देशभर के बिश्नोई समाज के लोग शामिल होते हैं. जहां सभी लोग इस शहीदी मेले में अग्निकुंड की फेरी लगाते हैं और शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं. यहां अधिकांश पुरुष सफेद वस्त्र पहनकर पहुंचते हैं.