जयपुर : मेडिकल साइंस की तकनीकी तरक्की के बाद अब लिंग परिवर्तन कराने को लेकर भी विश्व भर में काफी बहस छिड़ गई है. देश के कई अस्पतालों में जेंडर चेंज करके महिला को पुरुष और पुरुष को महिला भी बनाया गया है. लेकिन अब ये सुविधा राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में भी शुरू हो चुकी है जहां जेंडर सर्जरी करके जेंडर चेंज करवाया जा सकता है.
इस विषय में एसएमएस की यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि ना केवल ऐसे लोग जिनमें जेंडर डिस्फोरिया होने पर वह लड़का लड़की और लड़की लड़का जैसा बनना चाहती है. बल्कि थर्ड जेंडर को भी सर्जरी करके उन्हें महिला या पुरुष बनाया जा सकता है. हालांकि वर्तमान समय में नेशनल कमीशन ने इस तरह की सर्जरी करने पर सभी अस्पतालों में रोक लगा रखी है.
लेकिन इस विषय में अस्पताल सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक यूरोलॉजी विभाग के हेड डॉ शिवम् प्रियदर्शी का कहना है कि हमारे पास पिछले कुछ दिनों से ऐसे लोगों की पूछताछ बढ़ रही है जो जेंडर चेंज करवाना चाहते हैं. डॉ शिवम् प्रियदर्शी ने आगे बताया है कि पूरी दुनिया में 2 से 3% आबादी ऐसी है जो पुरुष है लेकिन सोचते हैं कि काश वह महिला होते! या फिर कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो सोचती है कि वे महिला होती. ऐसे में इस प्रकार के लोगों को जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर अथवा जेंडर डिस्फोरिया होता है और उनका जेंडर परिवर्तन संभव है.
डॉक्टर ने बताया कि जेंडर डिस्फोरिया होने पर एक लड़का लड़की की भांति और एक लड़की लड़के की भांति व्यवहार करते हैं. उनमें जन्म से ही इस तरह का स्वभाव होता है. पुरुषों में बचपन से ही महिलाओं जैसी और महिलाओं में पुरुषों जैसी आदतें पनपती है. यह एक प्रकार का डिसऑर्डर है. जिसके चलते उन्हें बोलने, चलने और पहनने में ऐसी ही चीजें पसंद होती है जो उनके विपरीत लिंग करते हैं.
वहीं दूसरी तरफ इंटरसेक्स शिशु अर्थात् थर्ड जेंडर होते हैं. जिनकी शारीरिक संरचना जन्मजात ही कुछ इस प्रकार की होती है जो महिला या पुरुष की विशिष्ट परिभाषाओं में फिट नहीं बैठते हैं. ऐसे में उनका जेंडर चेंज करके उन्हें एक स्त्री या पुरुष बनाया जा सकता है.
जीवन में केवल एक ही बार संभव है जेंडर चेंज होना
वही आपको बता दें कि जेंडर चेंज करवाना जीवन में केवल एक ही बार संभव है. एक बार परिवर्तन कराने के बाद कोई भी वापस पहले की तरह नहीं बन सकता.
जेंडर चेंज करना कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं
वही यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि जेंडर चेंज करवाना कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है. कानूनी प्रक्रिया के साथ ही साथ डॉक्टर इसमें पहले जेंडर चेंज करवाने में भी व्यक्ति का पूरा असेंसमेंट करते हैं. जिनमें हार्मोन का असेसमेंट के साथ विशेषज्ञ, मनोरोग विशेषज्ञ समेत कई विशेषज्ञों की टीम बैठती है. यह प्रक्रिया तकरीबन 2 साल तक चलती हैं और फिर कानूनी प्रक्रिया के बाद ही यह संभव हो पाता है.