राजस्थान : राजस्थान के रेगिस्तान के बीच विश्व प्रसिद्ध जोधपुर शहर के चर्चे तो आपने जरूर सुने होंगे. सूर्य नगरी के नाम से मशहूर इस शहर का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले कई आलीशान महल और विश्व प्रसिद्ध किले आ जाते हैं. साथ ही यहां का खान पीन भी बेहद प्रसिद्ध है. वही यहां के पहनावे और संस्कृति के भी क्या ही कहने !
यह एक ऐसा शहर है जहां हर दिन हजारों सैलानी घूमने आते हैं. विशेषकर सर्दियों और मानसून में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक इसकी भव्यता का आनंद लेने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जगत मशहूर भव्यता के साथ ही साथ यहां कुछ ऐसी जगहें भी मौजूद है जहां हर कोई जाने की हिम्मत नहीं कर पाता.
तो आइए जानते हैं विस्तार से इन जगहों के बारे में.
सिंहोरिया पहाड़ी
जोधपुर में स्थित सिंहोरिया हिल एक जगह है जिसे डरावनी जगहों के तौर पर देखा जाता है. इस जगह को लेकर कुछ लोगों को कहना है कि इस पहाड़ी पर कुछ लोग घूमने के लिए गए थे लेकिन कई दिनों बाद तक भी वह वापस नहीं लौटे. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पहले यह स्थान एक खूबसूरत जगह हुआ करता था लेकिन यहां कई बार ऐसा हुआ कि लोग वापस नहीं लौटे.
जोधपुर जयपुर हाईवे
जोधपुर जयपुर हाईवे भी यहां की डरावनी जगहों में से एक माना जाता है. इस हाइवे को लेकर एक नहीं बल्कि कई डरावनी कहानियां है. कहानी तो यह भी है कि एक बार एक परिवार रात को इस हाईवे से जा रहा था और एक महिला ने उनसे लिफ्ट मांगी. चालक ने महिला के लिए गाड़ी नहीं रोकी और जल्दबाजी में उसके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी. जिसके बाद एक्सीडेंट में उस महिला की मौत हो गई और माना जाता है कि उसके बाद से यहां काफी खौफ का माहौल रहता है.
खेजड़ला किला
लगभग 15वीं शताब्दी में निर्मित खेजड़ला किला भी यहां कि डरावनी जगहों में से एक है. जिसके विषय में कहा जाता है कि 15 वीं सदी के आसपास इस किले के निचले कमरों में कैदियों को रखा जाता था.
यहां कैदियों को प्रताड़नाएं दी जाती थी और कई दिनों तक उन्हें खाना भी नसीब नहीं हो पाता था. जिनमें से कइयों की मृत्यु हो जाती थी. वहीं बचे हुए कैदी भी यहां भूखे प्यासे मर गए. कहा तो ये भी जाता है कि रात्रि के समय यहां कई लोगों की चिल्लाने की आवाज भी आती है.
मेहरानगढ़ किला
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध जोधपुर की शान मेहरानगढ़ दुर्ग भी डरावनी जगहों में से एक माना जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ वर्ष पहले तक इस किले के आसपास रात्रि के समय कोई भी घूमने नहीं जाता था. दुर्ग के निचले भवन को डरावनी जगहों में से एक माना जाता है. लोगों का कहना है कि यहां कई आत्माओं का वास है.