जोधपुर : पिछले कुछ समय से देश भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब विभिन्न सेनाओं में कार्यरत फौजी विभिन्न सैन्य सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्त में आए हैं. अब ऐसा ही एक ताजा मामला हाल ही में राजस्थान के जोधपुर से सामने आया है जब भारतीय सेना के एक जवान को महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि इस कार्यवाही को मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर अंजाम दिया गया है. जिसमें मॉनिटरिंग के दौरान यह बात सामने आई कि भारतीय सेना के 1 रेजीमेंट में जोधपुर में कार्यरत 24 वर्षीय प्रदीप कुमार द्वारा कुछ जानकारियां सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को दी जा रही है.
यह एजेंसियां एक महिला के जरिए इन जानकारियों को जुटा रही थी जो कि छद्म रूप से सैनिक के साथ जुड़ी हुई थी. बता दें कि इसमें विस्तृत पड़ताल करने पर यह बात सामने आई कि प्रदीप कुमार पीआईओ के साथ निरंतर संपर्क में थे.
वहीं यह बात भी सामने आई कि प्रदीप कुमार महिला एजेंट के साथ सोशल मीडिया के जरिए निरंतर संपर्क में थे और सामरिक महत्व की की सूचनाएं उन्होंने महिला के साथ साझा की है. जिसके बाद आरोपी पर कार्यवाही करते हुए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और संयुक्त पूछताछ केंद्र जयपुर पर सभी एजेंसियों द्वारा पड़ताल करने के बाद आरोपी सैन्य कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपी के विषय में महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंसी का कहना है कि 24 वर्षीय प्रदीप मूल रूप से रुड़की उत्तराखंड का रहने वाला है और 3 साल पहले ही वह भारतीय सेना में भर्ती हुआ है. ट्रेनिंग के बाद ही प्रदीप का पदस्थापन Guner के पद पर हुआ था जिसके बाद वह जोधपुर में तैनात हुआ.
जोधपुर ड्यूटी के दरमियान ही प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के माध्यम से एक महिला के संपर्क में आया और दोनों व्हाट्सएप पर चैटिंग और वीडियो कॉल के जरिए आपस में बात करने लगे. इस महिला ने अपनी नकली जान पहचान बताकर अपने आपको ग्वालियर मध्य प्रदेश की रहने वाली और स्वयं को बेंगलुरु में MNS में पदस्थापित होना बताया.
जिसके बाद महिला एजेंट ने आरोपी से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने के झांसे देकर आर्मी से संबंधित विभिन्न गोपनीय दस्तावेजों के फोटोग्राफ मांगे. उक्त स्थिति में आरोपी हनी ट्रैप का शिकार हो चुका था और उसने कई दस्तावेज और फोटो चोरी छिपे अपने मोबाइल से खींच कर व्हाट्सएप के जरिए महिला आरोपी को भेजें.
वहीं पूछताछ के दौरान यह बात भी सामने आई कि उस महिला मित्र की चाहत पर उसने अपनी स्वयं द्वारा उपयोग में ली जाने वाली एक सिम के मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप हेतू ओटीपी भी उससे शेयर किए. जिसके बाद आरोप की पुष्टि होने के बाद आरोपी के विरुद्ध शासकीय गुप्त अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज करके उसे हिरासत में ले लिया गया है.