Jaipur, Festival Special Trains — अब कुछ ही समय में त्योहारों का सीजन शुरू होने को है और ऐसे में ट्रेनों में टिकट पानें में जद्दोजहद देखी जा सकती है. मंजर तो यह है कि कई महीनों पहले टिकट बुक करवाने के बावजूद भी फेस्टिवल सीजन में लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रही है. इसी भीड़ भाड़ को देखते हुए भारतीय रेल हर बार फेस्टिवल सीजन के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन करता है जो इस वर्ष भी होनी है.
यह स्पेशल ट्रेन अक्टूबर माह में आने वाले दशहरा दिवाली और छठ जैसे त्योहारों को देखते हुए चलाई जा रही है और इसके लिए उत्तर पश्चिम रेलवे तकरीबन 10 से 15 त्योहार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने जा रहा है. जिनके लिए प्रमुख मार्गों की सूची भी तैयार कर ली गई है. तो आइए जानते हैं कि किन-किन रूट पर इन स्पेशल ट्रेनों को चलाए जाने की बात कही जा रही है ?
इससे में उत्तर पश्चिम रेलवे के CPRO Cap शशि किरण का कहना है कि COVID के दौरान लोग कई समय तक घर से बाहर नहीं निकले और इसी वजह से त्योहार भी फीके ही रहे. लेकिन इस बार अब कई बड़े त्यौहार यात्रियों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आए हैं और यही कारण है कि अब बड़ी संख्या में यात्रियों के अपने कार्यस्थल से घर आने जाने की संभावनाएं हैं.
बल्कि वर्तमान समय में भी यात्रियों का भारी दबाव देखा जा सकता है और इसीलिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने अभी से तैयारियां शुरू की दी है. जिसके बाद कई लंबे रूटों की समीक्षा की जा रही है जहां वर्तमान समय में भी रिजर्वेशन के लिए मारामारी देखी जा सकती है.
किन-किन मार्गो पर संचालित होने जा रही है ट्रेनें ?
इस विषय में शशि किरण का कहना है कि शुरुआती समीक्षा में यहां जिन रुटों को रेखांकित किया गया है उनमें मुख्य रूप से जयपुर से मुंबई, बीकानेर से मुंबई, अजमेर से मुंबई, जयपुर से पटना, जयपुर से दिल्ली, जयपुर से लखनऊ और जोधपुर से कोलकाता शामिल है.
इन लंबे रूटों के अलावा यहां जयपुर से कोलकाता, जयपुर से हैदराबाद और जयपुर से बेंगलुरु रुट भी प्रस्तावित है. जिनके लिए भी विशेष ट्रेन का संचालन किया जाना है. बता दें कि उत्तर-पश्चिम रेलवे के चारों मंडल में चलने वाली ट्रेनों में यह सभी वे रूट है जिन पर आम दिनों में भी यात्रियों का दबदबा बना रहता है और इन्हें पूरा करने में अच्छा खासा समय लगता है.
ऐसे में त्योहारों पर इन ट्रेनों में यात्रियों को आसानी से सीट नहीं मिल पाती है और उन्हें कई असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. कई बार तो यात्रियों को सीट ना मिलने की स्थिति में वे त्योहारों पर अपने घर तक भी नहीं पहुंच पाते हैं. लिहाजा अब इन पर फेस्टिवल सीजन ट्रेनों का संचालन किया जाना है जो कि तकरीबन दो माह तक चलेगा.