राजस्थान, बीकानेर:— यूं तो आपने देश के कई ऐसे मंदिरों के बारे में सुना होगा जो अपनी भक्ति श्रद्धा के लिए जाने जाते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसा कोई मंदिर देखा है जहां लगातार कई सालों से किसी पूजा अथवा पाठ का वाचन हो रहा हो?
शायद ही ऐसा कोई मंदिर होगा जिसमें हर वक्त भजन संध्या और पाठ चल रहा हो. क्योंकि भजन गाने का भी लगभग हर मंदिर में एक निश्चित समय होता है और उसके बाद भजन बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन राजस्थान के बीकानेर में एक ऐसा मंदिर है जहां हर मौसम और हर समय भगवान की भक्ति चलती रहती है.
चाहे सर्दी हो या फिर गर्मी या फिर हो आंधी और बरसात, लाइट आए या ना आए! लेकिन यहां हर परिस्थिति में सुंदरकांड का पाठ चलता रहता है और यह परंपरा कोई 1– 2 सालों से नहीं बल्कि पिछले 20 सालों से लगातार चलती रही है. दरअसल यहां चर्चा हो रही है बीकानेर से तकरीबन 7 किलोमीटर दूर डूंगरगढ़ तहसील के पूनासर गांव की.
इस मंदिर के पुजारी जी का कहना है कि यहां मंदिर में खेजड़ी के पास सुंदरकांड का पाठ परिवार की तरफ से शुरू किया गया था. जहां यह तय हुआ था कि यहां दो-तीन दिन तक लगातार पाठ होगा. लेकिन 3 दिनों में ही यहां सुंदरकांड पढ़ने वाले भक्त लगातार जुड़ते गए. और सिलसिला कुछ यूं चला कि अब तकरीबन 20 सालों से यहां लगातार सुंदरकांड का पाठ चल रहा है.
अब यहां आपके जहन में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि लगातार यहां सुंदरकांड का पाठ आखिर करता कौन है? आपको बता दें कि यहां सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सभी भक्तों की बकायदा ड्यूटी लगती है जो 3-3 घंटे के हिसाब से यहां 8-8 के समूह में पाठ करते हैं.
जैसे उदाहरण के तौर पर किसी की ड्यूटी यहां 11:00 बजे खत्म होती है. तो अन्य आगे के लोग यहां 10 मिनट पहले ही पहुंच जाते हैं. ऐसे में यहां लगातार अखंड पाठ चलता रहता है. वहीं मंदिर में यहां तकरीबन 20 साल पहले अखंड ज्योत जलाई गई थी जो आज भी अखंड है. और पाठ में हिस्सा लेने वाले लोगो द्वारा यहां आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है.