जयपुर : राजस्थान राजधानी जयपुर में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लो फ्लोर बसों का प्रयोग बहुतायत होता है और भारी संख्या में यात्री इनका प्रयोग करता है. लेकिन वहीं अगर इनके मेंटेनेंस की तरफ देखे तो इनका मेंटेनेंस केवल कागजों में ही हो रहा है.
जबकि असलियत यह है कि इनमें से अधिकांश बसों को मेंटेनेंस की आवश्यकता है. लेकिन फिर भी इनकी हालत खस्ता होने के बावजूद भी इनका कोई भी मेंटेनेंस कार्य नहीं करवाया गया है.
हर दिन गाड़ियों के ब्रेक फेल
टोडी और विद्याधर नगर डिपो में मेंटेनेंस करनेवाली मातेश्वरी कंपनी बसों का मेंटेनेंस ना के बराबर ही करती है और इनमें ना तो बसों की धुलाई होती है और ना ही इनका सही रखरखाव होता है. नतीजा यह है कि यहां हर 1 दिन में 200 में से 40–50 गाड़ी सड़कों पर खड़ी हो जाती है.
इसका हाल ही में उदाहरण देखा गया है जब एक ही दिन में यहां 40 से अधिक बसें ब्रेकडाउन रही और इसका सबसे मुख्य कारण यह रहा कि 110 गाड़ी अगले साल तोड़ी और विद्याधर नगर डिपो की होने वाली है.
फर्म इन गाड़ियों का अच्छी तरह से रखरखाव नहीं कर पा रहा है जिसके चलते आए दिन खबर आती है कि शहर के अलग-अलग इलाकों से यहां बसों में तकनीकी खराबी के चलते यात्रियों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. और कई बार तो ऐसा होता है कि चलती चलती बसें रुक जाती है. ऐसे में यात्री जाए तो कहां जाए ?
भारी धनराशि खर्च होने के बावजूद भी हालत खस्ता
हालांकि इसके लिए JCTSL प्रबंधन हर महीने बसों के मेंटेनेंस पर एक बड़ी धनराशि खर्च करता है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर भर में चलने वाली बसें बहुत बुरी हालत में है. और गर्मियों के मौसम में तो कई लो फ्लोर बसों में आग लगने की घटनाएं भी सामने आई है. जिससे यात्रियों को जान के खतरे पर भी बात बन चुकी है.
लेकिन इसके बावजूद भी यहां मेंटेनेंस में कोई बड़ा सुधार नहीं देखा गया है. इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में गाड़ियों के ब्रेक फेल भी देखे गए हैं. गनीमत यह रही है कि यहां अब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है. लेकिन ऐसा होगा नहीं इस बात की गारंटी भी नहीं ली जा सकती है.