Credit card update :— रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेडिट कार्ड से संबंधित पहली बार साल 2019 में विभिन्न मानदंड पेश किए थे और देश में स्थित सभी कंपनियों को 1 अक्टूबर 2022 तक अपने सिस्टम में सहेजें गए क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड डाटा को शुद्ध करने का आदेश दिया था.
इसके लिए विभिन्न बड़े बैंक, कार्ड कंपनियां और बड़े खुदरा विक्रेता पूरी तरह से तैयार थे. लेकिन छोटे कारोबारियों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ सकता था. जिससे कि उनका कहना है कि कम समय के चलते उन्हें राजस्व का नुकसान हो सकता है. और इसी के चलते इसकी तारीख आगे बढ़ाने की लगातार मांग की जा रही थी.
देशभर में क्रेडिट कार्ड नियमों में संबंधित विभिन्न प्रकार के बड़े बदलाव देखे गए हैं. इस विषय में पहले विभिन्न बैंकर्स और व्यापारियों का कहना था कि भुगतान की फेल होने और राजस्व से संबंधित कई चिंताओं के बावजूद भी भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से उपभोक्ताओं के क्रेडिट कार्ड की डेटा की सुरक्षा हेतु एक लेयर स्थापित करने के लिए व्यवसाय हेतु समय सीमा बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है.
इस बारे में गंभीर जानकारी रखने वाले तीन बैंकिंग और व्यापारिक स्त्रोतों ने रॉयटर्स को कहा है कि विभिन्न छोटे कारोबारियों के अनुपालन तिथि को आगे बढ़ाने की लगातार मांग के बावजूद भी केंद्र बैंक की तरफ से समय सीमा में विस्तार होने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं. इसके लिए कई लोगों ने विभिन्न टीका टिप्पणियों और ईमेल के जरिए अनुरोध भी किए हैं. लेकिन रिजर्व बैंक ने इसका भी कोई जवाब नहीं दिया.
वहीं एक बैंकर का यह भी कहना है कि सामान्य तौर पर यह मानना होता है कि बैंक, कार्ड नेटवर्क और व्यापारी इस बारे में बेहतरीन तरीके से तैयार है. और इसके विस्तार हेतु पारिस्थितिकी तंत्र की तारीख़ को आगे बढ़ाने को लेकर जोर भी बड़े पैमाने पर नहीं देखा गया है. इसीलिए तारीख आगे बढ़ाने को लेकर कोई संकेत नहीं है.
गौरतलब है कि तकरीबन 3 वर्ष पहले अर्थात् साल 2019 में भारत में 30 सितंबर 2022 तक विभिन्न व्यवसायों को टोकन कार्ड के जरिए कार्ड डाटा सुरक्षित करने के लिए एक्सरसाइज शुरू करवाई थी. बता दें कि टोकेनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत कार्ड के विवरण को एक यूनिट या टोकन द्वारा बदला जाता है. जो कि एक एल्गोरिदम द्वारा जनरेट किया जाता है. डेटा सुरक्षा में सुधार हेतु जानकारी को भी उजागर किए बगैर ऑनलाइन खरीदारी की परमिशन देता है.
क्या है फायदा?
इस विषय में आरबीआई के आदेश के बारे में चर्चा करें तो रिजर्व बैंक ने कहा था कि 30 सितंबर 2022 से पहले यहां विभिन्न कंपनियों को ऑनलाइन, पॉइंट ऑफ सेल और In App लेन देन में इस्तेमाल होने वाली सभी क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के डाटा को यूनिक टोकन से रिप्लेस किया जाना अनिवार्य है.
ऐसा ना करने की स्थिति में रिजर्व बैंक किसी भी प्रकार की बड़ी कार्यवाही करने के लिए तैयार है. बता दें की टोकेनाइजेशन के उच्च सुरक्षा स्तर से धारकों का भुगतान अनुभव बेहतर होता है. और आपके कार्ड की सभी डिटेल इंक्रिप्टेड टोकन के रूप में स्टोर कर दिए जाते हैं. जिससे कि ग्राहकों के भुगतान सुरक्षित होते हैं.