राजस्थान में अब बल्ले बल्ले, अडानी-अम्बानी करेंगे 10 लाख करोड़ निवेश, मिलेगा लाखों को रोजगार

राजस्थान, जयपुर :— राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां पूरे देश में काफी दुर्गम और खराब है. जहां पूर्वी राजस्थान उपजाऊ और हरा भरा है. वहीं पश्चिमी राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी हर किसी के छक्के छुड़ा देती है और हरेक आम आदमी आसानी से अपना गुजारा नहीं कर सकता. एक तो यहां गर्मी में तापमान बेहद ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर ना होने के कारण कृषि के अच्छे ऑप्शन भी नहीं है. वर्षा की कमी के चलते यहां हरियाली भी बेहद कम देखी जाती है. ऐसी परिस्थितियों में भला कौन रहना चाहेगा?

लेकिन राजस्थान की इस मरुधरा ने जहां यहां के आम आदमी को कठिनतम परिस्थितियां दी है. वहीं यह मरुधरा अब देश के उज्जवल भविष्य के आसार लेकर आई है. और यहां देश का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट और भविष्य देखा जा रहा है. क्योंकि यहां पड़ने वाली गर्मी ही अब देश में ऊर्जा का मुख्य स्रोत होगी.

हाल ही में इस विषय में इन्वेस्ट राजस्थान सम्मिट के तहत अब सरकार की तरफ से किए गए निवेश समझौतों की जांच करने पर सामने आता है कि यहां कुल 10.44 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों में से करीब 8 लाख करोड़ रुपए के एमओयू और एलओआइ ऊर्जा सेक्टर में है.

रिपोर्ट्स में देखा जा सकता है कि यहां अधिकतर निवेशकों ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा हेतु परियोजनाओं में जैसलमेर, जोधपुर, जालौर, बीकानेर और बाड़मेर के पश्चिमी राजस्थान के जिलों के लिए निवेश पर समझौते किए हैं. राजस्थान के यही जिले वे जिले हैं जहां सूर्य की तपती गर्मी पड़ती है और यहां मरुस्थल भी बहुतायत पाया जाता है.

क्योंकि देश भर में अब प्राकृतिक ईंधन पर बढ़ते दबाव और चारों तरफ बढ़ते प्रदूषण के चलते ऊर्जा के दूसरे विकल्प खोजना आवश्यक प्रतीत होता है. ऐसे में रेगिस्तान ही अब ऊर्जा हेतु देश भर की उम्मीद बना हुआ है.

सौर और पवन ऊर्जा के बाद अब पश्चिमी राजस्थान में सबसे दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर केमिकल और पेट्रो केमिकल का है. और इसके चलते सरकार ने हाल ही में पचपदरा रिफाइनरी के चारों तरफ 383 वर्ग किलोमीटर में राजस्थान पेट्रो जोन परियोजना पर काम भी शुरू कर दिया है. हालांकि पेट्रोकेमिकल यूनिट के लिए निवेशकों को भिवाड़ी और जयपुर ज्यादा पसंद है.

गौरतलब है कि यहां देश के सबसे प्रमुख उद्योगपति अंबानी और अडानी समूह को भी नवीनीकृत ऊर्जा में निवेश हेतु राजस्थान का रेगिस्तान ही पसंद आया है. और इसी के चलते यहां अरबों का इन्वेस्टमेंट होने जा रहा है.

रेगिस्तान में बसने वाले देश के सबसे 10 बड़े सेक्टर

यह अब रेगिस्तान में भविष्य में बसने वाले 10 सबसे बड़े संभावित सेक्टर और उनकी निवेश राशि के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं.

  • ऊर्जा — 7.98 लाख करोड़
  • केमिकल और पेट्रो केमिकल— 51 हज़ार करोड़
  • सीमेंट— 33 हज़ार करोड़
  • चिकित्सा और स्वास्थ्य— 26 हज़ार करोड़
  • खदान एवं खनिज— 24 हज़ार करोड़
  • टेक्सटाइल— 16 हज़ार करोड़
  • पेट्रोलियम और गैस— 12 हज़ार करोड़
  • पर्यटन — 12 हजार करोड़
  • एग्रो फूड प्रोसेसिंग — 11 हजार करोड
  • रियल स्टेट — 6 हज़ार करोड़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *