मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 6000 करोड़ की ‘रेजिंग एंड एक्सीलरेटिंग MSME परफॉर्मेंस योजना’ (RAMP) योजना को लांच किया है. इस योजना को उद्यमी भारत प्रोग्राम में लांच किया गया है. अगर बात करें इस योजना के उद्देश्य के बारे में तो यह मौजूदा MSME योजनाओं के प्रभाव में वृद्धि के साथ राज्यों में MSME योजनाओं के क्रियान्वयन को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित की गई है.
यह उद्यमी क्षेत्र से जुड़े लोगों में नए विचारों का विकास करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने, गुणवत्ता पूर्वक मांगों को विकसित करके नए उद्योग का विकास करने, बाजार पहुंच बढ़ाने, प्रैक्टिस और प्रक्रियाओं में सुधार करने और तकनीकी उपकरणों की सहायता से उद्यमशीलता के क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने के लिए है. साथ ही इस योजना के तहत यह MSME उद्यमों को आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनने के लिए प्रोत्साहित करता है.
आपको बता दें कि इस स्कीम को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी साल मार्च 2022 में मंजूरी दी थी. यह विश्व बैंक की सहायता से 80.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 6,062.45 करोड़ रुपए बजट वाला एक कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम की शुरुआत वित्तीय वर्ष 2022 -23 से होगी.
आपको बता दें कि इसमें निवेश की जाने वाली धनराशि में से 3750 करोड़ रुपए विश्व बैंक भारत को ऋण के रूप में देगा. योजना की शेष राशि भारत सरकार अपनी फंडिंग से जुटाएगी. आपको बता दें कि देश भर में अपने प्रभाव के साथ यह योजना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से तकरीबन 6.3 करोड उद्यमों को लाभान्वित करेगी जो एमएसएमई आर्हता रखते हैं.
क्या है सरकार का कहना ? इस विषय में सरकार का कहना है कि यह योजना एमएसएमई उद्यमों की सामान्य और कोविड-19 चुनौतियों का समाधान करेगी. इसके अलावा यह योजना अपर्याप्त रूप से विकसित कौशल का बेहतर निर्माण करेगी. जैसे की निर्माण क्षमता, मार्गदर्शन और सहायता, कौशल विकास, गुणवत्ता संवर्धन, चीजों में डिजिटल तकनीकी का उपयोग, पहुंच में वृद्धि तथा प्रचार प्रसार को बढ़ावा देगा. यह योजना नई रोजगार का सृजन करने वाली, बाजार को आगे बढ़ाने वाली, फाइनेंस की सुविधा देने वाली और कमजोर वर्गों को समर्थन देने वाली सिद्ध होगी.