राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित राजस्थान कैबिनेट की बैठक में जैसलमेर जिले के बांदा गांव में अडाणी को 2397.54 सरकारी जमीन आवंटन के अलावा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इसमें रियूनेबल एनर्जी फॉर होल्डिंग लिमिटेड पर 1000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना लागत आएगी.
आपको बता दें कि यह आवंटन राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 2007 के अंतर्गत किया जाएगा. यह फैसला जनता और पर्यावरण के लिए हितेषी है क्योंकि इससे राजस्थान राज्य की बिजली इकाइयों में वृद्धि होगी इसके साथ ही साथ स्थानीय निवासियों को रोजगार की सुविधाएं मुहैया हो सकेगी.
आपको बता दें कि हाल ही में 13000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के बाद राजस्थान राज्य देश में पहले स्थान पर पहुंच चुका है. हमारी भौतिक परिस्थितियां अब हमारे फायदे का कारण बन रही है और यह भविष्य के लिए भी सुखदाई है. क्योंकि देश भर में जिस लिहाज से कोयला और अन्य संसाधनों में कमी आ रही है ऐसे में सौर ऊर्जा ही एक अहम स्रोत माना जा रहा है.
आपको बता दें कि सौर ऊर्जा नीति 2019 के अंतर्गत साल 2024– 25 के मध्य राजस्थान राज्य में 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी से सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन वर्धन हेतु 16,000 सरकारी भूमि आवंटित की है.
जो कि राजस्थान के विकास के लिए एक कदम आगे की योजना को प्रस्तावित कर रहा है. क्योंकि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि अब बिजली संबंधित ऊर्जा के अन्य स्रोतों का विकास होना आवश्यक है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के विभिन्न राज्यों की सहायता से साल 2030 तक भारत में ऊर्जा खपत का एक बड़ा हिस्सा सौर ऊर्जा के जरिए मिल सकेगा.