देशभर में चल रही बिजली की समस्या के बीच अब राजस्थान में भी बिजली महंगी हो गई है. राजस्थान में फ्यूल सरचार्ज के तौर पर 24 पैसे प्रति यूनिट की दर से घरेलू, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिजली उपभोक्ताओं से वसूली की जाएगी. इसका सीधा असर प्रदेश के तकरीबन 1 करोड़ 30 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.
साल 2021–22 की दूसरी तिमाही अर्थात जुलाई-अगस्त सितंबर 2021 का यह फ्यूल सरचार्ज आगामी अगस्त और सितंबर 2022 के बिलों में वसूला जाएगा. केवल इतना ही नहीं बल्कि पिछले पूरे 1 साल का फ्यूल सरचार्ज तय होना बाकी है इसलिए आगे बिजली के बिल बढ़ने की शत प्रतिशत संभावना है.
तीनों ही बिजली कंपनियां जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड बढ़े हुए फ्यूल सरचार्ज की वसूली उपभोक्ताओं से करेगी. इस विषय में ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डिस्कॉम चैयरमेन भास्कर ए सावंत ने कहा कि जुलाई 2021 से सितंबर 2021 के लिए राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन ने फ्यूल सरचार्ज वसूली 24 पैसे प्रति यूनिट तय की थी. बिजली उपभोक्ताओं पर आने वाले भार को देखते हुए राहत देने हेतु इस धनराशि को दो बराबर किस्तों में अगस्त और सितंबर 2022 के बिलों में वसूलने का फैसला किया गया है.
कृषि उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा फ्यूल सरचार्ज का असर:- इस फ्यूल सरचार्ज की गणना में शार्ट टर्म और एनर्जी एक्सचेंज से खरीदी पावर को शामिल नहीं किया जाता है. कृषि उपभोक्ताओं के बिजली खपत पर फ्यूल सरचार्ज नहीं लगेगा वहीं राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में इस अमाउंट को भरेगी. प्रदेश के 15.70 लाख कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज का कोई असर नहीं पड़ेगा.
350 यूनिट प्रतिमाह के आधार पर ₹263 की वसूली की जाएगी:- एक सामान्य गणना करते हुए मिडिल क्लास घर का यदि उदाहरण ले तो हर महीने 350 यूनिट बिजली उपयोग होने पर उपभोक्ताओं को तकरीबन ₹263 तीन महीने के बिल पर फ्यूल सरचार्ज के रूप में चुकाने होंगे. ज्यादा बिजली खपत होने की दशा में उसी अनुपात में यह अमाउंट बढ़ जाएगा.