राजस्थान में अब शराब में बढ़ती मिलावट को देखते हुए उसकी शुद्धता बरकरार रखने के लिए सरकार ने सितंबर महीने से नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय बनाया है. इसके लिए सरकार ने बीयर और शराब की बोतलों पर QR code with hologram ट्रैक लगाकर उसे बेचने का फैसला किया है.
इस कार्य हेतु शराब निर्माता कंपनियों को 16 अगस्त से राजस्थान राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के डिपो पर केवल क्यूआर कोड विद होलोग्राम लगी शराब बीयर ही सप्लाई देने के आदेश जारी किए गए हैं. दरअसल वर्तमान समय में भी राज्य में कई शहरों और गांवों से मिलावटी और दूसरे राज्यों से बनकर आ रही सस्ती शराब को बेचा जा रहा है.
इससे न केवल राज्य सरकार के रेवेन्यू को नुकसान हो रहा है बल्कि मिलावटी शराब लोगों को बेची जा रही है जो उनके स्वास्थ्य पर अपेक्षाकृत अधिक हानिकारक प्रभाव डालती है. इस समस्या को देखते हुए सरकार ने अब हर शराब की बोतल पर होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है.
आबकारी विभाग की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक हर डिपो पर अब 16 अगस्त से केवल वही शराब और बीयर ली जाएगी जिस पर होलोग्राम होगा. वहीं पुराने रखे स्टोर को 15 सितंबर तक खत्म किया जाएगा. यानी 16 सितंबर से डिपो पर केवल होलोग्राम लगी बोतल ही रिटेल आउटलेट्स पर सप्लाई की जाएगी.
रिटेलरों को मिलेगी पोस मशीन:– इस कार्य के क्रियान्वयन हेतु शराब के रिटेल विक्रेताओं को बारकोड पढ़ने और बिल बनाने के लिए पोस मशीन या लेबल रीडर मशीन दी जाएगी. इस मशीन के जरिए फायदा यह होगा कि रिटेलर हर बोतल पर लगे क्यूआर कोड या बार कोड को स्कैन करने के बाद बिल जनरेट कर सकेगा. इस शराब बिकने तक एक सिस्टम के जरिए उसे ट्रेक एंड ट्रेस भी किया जा सकेगा. इस प्रोग्राम के सफल क्रियान्वयन के बाद यही माना जा रहा है कि यह शराब के मार्केट से संबंधित होने वाले धांधलियों को कहीं हद तक रोक सकेगा.