जयपुर शहर में निजी खातेदारी की जमीन पर बिना सरकार की मंजूरी के अवैध कॉलोनी काटने वालों पर जेडीए ने लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. ऐसी अवैध कॉलोनी बसाने वाले निजी खातेदारों की जमीन को जेडीए सरकारी जमीन में तब्दील करने यानी उनकी खातेदारी खत्म करने का विचार बना रहा है.
जेएडी के रिकॉर्ड की तरफ देखा जाए तो पिछले साढे 3 साल में जयपुर शहर में 501 कॉलोनियों पर कार्यवाही की गई है जो जेडीए की अनुमति के बगैर बसाई जा रही थी. इन कॉलोनियों में से 50 से ज्यादा कॉलोनीयां ऐसी हैं जिनमें से एक से ज्यादा बार अर्थात दो या तीन बार कार्यवाही की जा चुकी है लेकिन फिर भी कॉलोनी बसाने वालों के मंसूबे तेज प्रतीत हो रहे हैं.
इस विषय में जेडीए की इंफोर्समेंट विंग के चीफ और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीर सैनी का कहना है कि ऐसे खातेदार जिन पर 2 या उससे अधिक बार कार्यवाही की जा चुकी है अब जेडीए उनकी खातिरदारी समाप्त करने का विचार कर रहा है. क्योंकि ऐसे खातेदारों का उद्देश्य बार-बार प्रयास करके अवैध कॉलोनी बसाने का है उससे आमजन को तो नुकसान होता ही है बल्कि सरकार को भी रेवेन्यू नहीं मिल पाता.
पिछले 7 महीने में हुई 150 से ज्यादा कॉलोनियों पर कार्यवाही:- इस विषय में जेडीए की इंफोर्समेंट विंग से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 से अब तक तकरीबन 501 अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही की जा चुकी है. इनमें से सबसे ज्यादा 159 कॉलोनियां इसी साल पिछले 7 महीने के दरमियान बसी है. जेडीए के जोनवार की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा 109 कॉलोनियां जोन 12 एरिया में तोड़ी गई है जो अजमेर रोड से सीकर रोड के बीच में बसाई गई थी.
अब जेडीए का कहना है कि जिन खातेदारों के खिलाफ 2 या उससे अधिक बार कारवाही हो चुकी है उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है. निजी खातेदारों के खिलाफ राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 175 के तहत कार्यवाही कर खातेदारी सरकार के नाम करने के संबंध में कार्यवाही के लिए संबंधित जोन के उपायुक्तों को पत्र लिखा जाएगा, ताकि आगे की कार्यवाही के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट को लिखा जा सके.